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शेल्टर होम मामले में सीधेतौर पर शामिल हैं नीतीश कुमार, इसीलिए मुकर रहे थे सीबीआई जांच से : तेजस्वी यादव

 शेल्टर होम मामले में सीधेतौर पर शामिल हैं नीतीश कुमार, इसीलिए मुकर रहे थे सीबीआई जांच से : तेजस्वी यादव

बिहार में हुए सबसे चर्चित मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह कांड मामले में सीबीआई जांच से सीएम के इंकार पर आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। तेजस्वी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुजफ्फरपुर बलात्कार कांड में स्पष्ट और सीधे रूप से संलिप्त है क्योंकि इन्होंने टीआईएसएस की रिपोर्ट आने के दो महीनों तक ब्रजेश ठाकुर पर एफआईआर नहीं होने दी। उसे जेल नहीं भेजा। दबाव में भेजा तो जेल में मोबाइल समेत तमाम सुविधाएं दी गईं। बच्चियों को गायब किया गया। साथ ही यादव ने कहा कि मामला सामने आने पर नीतीश कुमार ने एकदम सिरे से हमारी सीबीआई जांच की मांग को खारिज कर दिया। उन्हें सीबीआई जांच का डर क्यों था?
तेजस्वी ने कहा, जब हमने मुजफ्फरपुर बालिका गृह का दौरा कर वहां बच्चियों के साथ किए गए डरावने और अमानवीय कृत्यों को जनता के सामने रखा तब जाकर दबाव मे केस सीबीआई को सौंपा गया। नीतीश कुमार तो छाती पीट-पीटकर तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को निर्दोष बता रहे थे। लेकिन जब कांड का कच्चा चिट्ठा खुला और मीडिया में ब्रजेश ठाकुर की सीडीआर डिटेल्स में मिलीभगत का पर्दाफाश होने और विपक्ष व जनदबाव के कारण मंजू वर्मा का इस्तीफा लेना पड़ा। सीएम उसे क्यों बचा रहे थे?
एक साथ कई ट्वीट करते हुए तेजस्वी ने लिखा है, 'मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर से जेल में चर्चित डायरी बरामद हुई थी जिसमें 'पटना वाले बड़े सर' का ज़िक्र था? क्या सीबीआई ने खोज लिया था वह 'पटना वाला बड़ा सर' कौन है? क्या सीबीआई जांच की आंच उस 'बड़े सर' के पास पहुंच गई थी, जिसके चलते आनन-फानन में सीबीआई अधिकारी का तबादला किया गया था? सीबीआई अधिकारी का तबादला नहीं करने के कोर्ट के आदेश के विपरीत जाकर, कोर्ट की अवमानना कर सीबीआई निदेशक ने तत्कालीन जांच अधिकारी एसपी का बिना कारण बताए अचानक तबादला क्या इसलिए किया गया था ताकि वो 'पटना वाले बड़े साहब' को बचा सके? ऐसा क्यों किया गया?'
तेजस्वी ने पूछा, 'आप बताइये क्या यह मामला संदेहास्पद नहीं है? क्योंकि सीबीआई निदेशक स्तर का अधिकारी 'किसी बड़े व्यक्ति' को बचाने के लिए ही कोर्ट की अवमानना करने का जोखिम उठायेगा? बाद में उस सीबीआई अधिकारी को कोर्ट की अवमानना का दोषी क़रार कर माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने जुर्माने के साथ सजा भी दी? सीएम नीतीश ने केस में सीबीआई जांच में सबूत जुटा सहयोग करने वाली तत्कालीन जिला पुलिस अधीक्षक हरप्रीत कौर को सम्मानित करने की बजाय उनका तबादला क्यों किया? वो केस से संबंधित सभी जानकारियां जुटा रही थीं तो क्यों उन्हें मुजफ्फरपुर से आनन-फानन में हटाया क्यों? मुख्यमंत्री जवाब दें?'

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