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देश में जन्माष्टमी की धूम, घरों-मंदिरों में गूंजे मुरलीधर के भजन

देश में जन्माष्टमी की धूम, घरों-मंदिरों में गूंजे मुरलीधर के भजन

जन्माष्टमी का पर्व पूरे देश में भारी धूमधाम और उत्साह से मनाया जा रहा है। जन्माष्टमी की तिथि को लेकर इस बार मतभेद है। कुछ लोग शुक्रवार को जन्माष्टमी मना रहे हैं, जबकि कुछ शनिवार को मनाएंगे। इस बार अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र का संयोग नहीं हो पा रहा है, इसलिए जन्माष्टमी 23 अगस्त और 24 अगस्त को मनाई जा रही है। 
कुछ ज्योतिषाचार्यों के अनुसार कृष्ण प्रगटोत्सव अष्टमी व्यापिनी तिथि 23 अगस्त को मनाना ठीक है, तो कुछ का कहना है कि जन्माष्टमी उदयातिथि अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र होने से 24 अगस्त को मनाई जानी चाहिए। जहां देशभर में जन्माष्टमी की तिथि को लेकर मतभेद है, वहीं पटना इस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी का त्योहार शनिवार यानि 24 अगस्त को मनाया जाएगा। इस मौके पर मंदिर में 208 चांदी के कलश और तीर्थ जल व पंच गव्य से भगवान श्रीकृष्ण का जलाभिषेक होगा। वहीं मंदिर परिसर भगवान कृष्ण की लीला मनोहर प्रस्तुति देखने को मिलेगी।
पंडित राकेश झा के मुताबिक शुक्रवार 23 अगस्त को अष्टमी तिथि व रोहिणी नक्षत्र से युक्त अत्यंत पुण्यकारक जयंती योग में भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। वहीं वैष्णव संप्रदाय व साधु संतों की कृष्णाष्टमी शनिवार 24 अगस्त को उदया तिथि अष्टमी एवं औदयिक रोहिणी नक्षत्र से युक्त सर्वार्थ अमृत सिद्धियोग में मनाई जाएगी।  अष्टमी तिथि का आरंभ शुक्रवार सुबह 3:13 बजे से रात 3:17 बजे तक है। रोहिणी नक्षत्र शुक्रवार को मध्यरात्रि 12.09 बजे से आरंभ हो रहा है। जन्माष्टमी को लेकर देशभर में खूब तैयारियां चल रही हैं। भगवार श्रीकृष्ण के लिए सुबह से ही घरों और मंदिरों में भजन गाए जा रहे हैं। बच्चों से लेकर बड़े तक सभी का उत्साह चरम पर है। 
शास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु ने पृथ्वी को पापियों से मुक्त करने के लिए श्रीकृष्ण के रूप में अवतार लिया था। यह भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मध्य रात्रि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। हर साल भाद्रपद की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का महापर्व मनाया जाता है। इस वर्ष भी 23 के बाद 24 अगस्त को भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा।
जन्माष्टमी को लेकर पटना के प्रसिद्ध मंदिरों में खूब सजावट की गई है। यहां मच्छरहट्टा स्थित गोपीनाथ मंदिर, जगन्नाथ मंदिर, सांवलिया जी मंदिर, कचौड़ी गली छोटी मंदिर, चैतन्य महाप्रभु मंदिर, अदरक घाट, गायघाट और राधा कृष्ण मंदिर के साथ अन्य मंदिरों को सजाया गया है। जन्माष्टमी से एक दिन पहले झारखंड की राजधानी रांची जन्माष्टमी की भक्ति में सराबोर नजर आई। यहां शुक्रवार और शनिवार दोनों दिन जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। इससे पहले शहर के विभिन्न स्कूलों में राधा-कृष्ण बने बच्चों ने सभी का मन मोह लिया। धुर्वा स्थित कैंब्रियन स्कूल में इस मौके पर दही हांडी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जस्ट किड्स प्ले स्कूल में मुकुट पहने बच्चे और घाघरा चोली पहनी छोटी बच्चियों ने सबका ध्यान आकर्षित किया। उन्हें स्कूल प्रांगण में फूलों से बने विशेष झूले में बैठाकर झुलाया गया।

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