
राज्य के देवभूमि द्वारका में भगवान द्वारकाधीश और डाकोर स्थित रणछोड़राय समेत गुजरातभर के मंदिरों में कृष्ण जन्म को लेकर जश्न का माहौल है। “नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की” जयघोष से आज गुजरात समेत देशभर के मंदिर गूंज उठेंगे।
श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के पावन पर्व पर सौराष्ट्र के देवभूमि द्वारका स्थित जगत मंदिर, उत्तरी गुजरात के अरवल्ली जिला स्थित शामलाजी और खेडा जिले के डाकोर में रणछोड़राय मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जमा होने लगी है। कृष्णग के भक्ते अपने आराध्यं के प्राकट्य उत्सडव की जोर-शोर से तैयारियां कर रहे हैं। मंदिरों में झांकियां बनीं हैं तो घरों पर लोगों ने अपने पूजा स्थ ल को विशेष रूप से सजाया है। आधी रात होने से पहले लोग बाल गोपाल के झूले को पूरी तरह से तैयार कर लेना चाहते हैं। घरों से उठ रही माखन मिश्री और भोग की खुश्बू दूर-दूर तक फैल रही है। आज आधी रात यानी कि रात 12 बजे भगवान श्री कृष्णी के प्राकट्य पर विशेष पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिन एक उत्सव के समान होता है। धूमधाम से पूरे विधि विधान के साथ बाल गोपाल का जन्म उत्सव मनाने की परंपरा है। न सिर्फ भारत बल्कि विदेश में भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम रहती है। लोग बहुत समय से पहले ही इसकी तैयारी करने लगते हैं। पौराणिक मान्यषताओं के अनुसार भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद यानी भादों मास के कृष्णी पक्ष की अष्टरमी को हुआ था। बात चाहे भारत की हो या विदेश की सब जगह लोग अलग अलग तरह से इस त्यौहार को मनाते हैं। कई झूला झुलाते हैं तो कहीं झांकी सजाते हैं और तो और कहीं दही मटकी फोड़ने की परंपरा है।