
जल प्रबंधन के मामले में राज्यों ने अपना प्रदर्शन बेहतर किया है लेकिन भारत के जल संकट से निपटने के लिए जो चाहिए, वहां तक पहुंचने के लिए अभी लंबी दूरी तय करनी बाकी है। नीति आयोग ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जल प्रबंधन तरीकों को लेकर रैंकिंग जारी की। इस रैंकिंग में गुजरात सबसे ऊपर और दिल्ली सबसे नीचे रही जबकि सबसे ज्यादा बेहतरी हरियाणा में देखने को मिली है। साल 2017-18 की कॉम्पजिट वॉटर मैनेजमेंट इंडेक्स में हरियाणा इस साल 7वें स्थान पर रहा जबकि पिछले साल 16वें स्थान पर था। केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कॉम्पजिट वॉटर मैनेजमेंट इंडेक्स 2.0 जारी किया। इसके मुताबिक 80% राज्यों ने तीन साल में अपने जल संसाधन स्कोर में इजाफा किया है। हालांकि, चिंता की बात यह है कि 27 में से 16 राज्यों का 100 में स्कोर 50 के नीचे है और यह खराब प्रदर्शन की कैटिगरी में आता है। इन राज्यों में 47% आबादी है, 40% कृषि उत्पादन और भारत का 35% आर्थिक उत्पादन होता है। इनमें दिल्ली, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, केरल, राजस्थान और उत्तराखंड शामिल हैं। आयोग ने कहा है कि भारत में गुजरात और मध्य प्रदेश को छोड़कर कोई भी टॉप 10 कृषि उत्पादक 60 से ज्यादा अंक हासिल नहीं कर सका है। नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने बताया कि इंडेक्स को तय करने के लिए अगली बार कृषि क्षेत्र के ज्यादा मानक होने चाहिए।