
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने 21 अगस्त को चंद्रयान-2 को चांद की दूसरी कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश करा दिया था। आज से दो दिन बाद यानी 28 अगस्त को चंद्रयान-2 को इसे चांद की तीसरी कक्षा में डाला जाएगा। चंद्रयान-2 को चांद की तीसरी कक्षा में सुबह 5.30 से 6.30 के बीच डाला जाएगा। इसके बाद चंद्रयान-2 चांद के चारों तरफ 178 किमी की एपोजी और 1411 किमी की पेरीजी में चक्कर लगाएगा। इसरो वैज्ञानिकों ने 20 अगस्त यानी मंगलवार को चंद्रयान-2 को चांद की पहली कक्षा में सफलतापूर्वक पहुंचाया था। इसरो वैज्ञानिकों ने मंगलवार को चंद्रयान की गति को 10.98 किमी प्रति सेकंड से घटाकर करीब 1.98 किमी प्रति सेकंड किया था। चंद्रयान-2 की गति में 90 फीसदी की कमी इसलिए की गई थी ताकि वह चांद की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के प्रभाव में आकर चांद से न टकरा जाए। 20 अगस्त यानी मंगलवार को चांद की कक्षा में चंद्रयान-2 का प्रवेश कराना इसरो वैज्ञानिकों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण था लेकिन, हमारे वैज्ञानिकों ने इसे बेहद कुशलता और सटीकता के साथ पूरा किया।