
कश्मीर दौरे से लौटाए जाने के बाद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए दावा किया कि वहां उन्हें उस बर्बरता का अहसास हुआ जिसको कश्मीरी झेल रहे हैं। राहुल की इस बात की अब पाकिस्तान में चर्चा होने लगी है। उनके ट्वीट को वहां की न्यूज वेबसाइट प्रमुखता से दिखा रही हैं। वहीं पाकिस्तान के मंत्री तक राहुल को इजाजत न मिलने को मुद्दा बना रहे हैं। कश्मीर में हालात को लेकर पाकिस्तान का मीडिया और इमरान सरकार के मंत्री फर्जी खबरों के आधार पर दुष्प्रचार कर रहे हैं। ऐसे में राहुल गांधी के ऐसे बयानों से पाकिस्तान के प्रॉपेगैंडा को बल मिलता है। बता दें कि शनिवार को राहुल गांधी विपक्षी दलों के 12 नेताओं का प्रतिनिधिमंडल लेकर श्रीनगर पहुंचे थे। उन्हें हवाईअड्डे पर उतरते ही रोक लिया गया और शाम को दिल्ली भेज दिया गया। इससे एक दिन पहले जम्मू कश्मीर प्रशासन ने एक बयान जारी कर राजनीतिक नेताओं को घाटी नहीं आने को कहा था क्योंकि इससे शांति और जनजीवन बहाल करने में दिक्कत होगी। इसपर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने रविवार को ट्वीट किया। राहुल के ताजा ट्वीट से पाकिस्तान को कश्मीर पर बोलने का एक और मौका मिल गया। राहुल के ट्वीट वाली खबर को वहां की न्यूज साइट प्रमुखता से चला रही थी। वहीं रविवार को ही इमरान सरकार में मंत्री फवाद हुसैन ने लिखा, मोतीलाल नेहरू के परपोते, जवाहरलाल नेहरू के पोते, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को उनके पूर्वजों के यहां नहीं जाने दिया गया। यह दिखाता है कि किस तरह आरएसएस और नाजी विचारधारा ने इंडिया पर कब्जा कर लिया है। हालांकि, यहां फवाद ने गलती कर दी। दरअसल, राहुल गांधी जवाहरलाल नेहरू के परपोते हैं।