
राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यानयन परिषद (नैक) टीम 23 और 24 सितंबर को लीड बीएसएन कॉलेज के निरीक्षण के लिए आएगी। तीन सदस्यीय नैक पीयर टीम द्वारा कॉलेज का मूल्यांकन किया जाएगा। नैक द्वारा देश की उच्च शिक्षण संस्थानों का आंकलन कर उसका मूल्यांकन किया जाता है। इसमें नैक टीम यह देखती है कि कॉलेज नैक द्वारा तय गुणवत्ता के मानकों पर कि तना खरा है। उसके आधार पर कॉलेज को ग्रेड दी जाती है। ग्रेड के आधार पर ही उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विभिन्न सुविधाएं दी जाती है।
नैक (नेशनल असेसमेंट एक्रेडिटेशन कमेटी) एक कमेटी है, जिसकी टीम उच्च शिक्षा के क्षेत्र में देशभर के कॉलेजों व यूनिवर्सिटी की ग्रेडिंग के लिए निरीक्षण करती है। नेक टीम की रिपोर्ट के आधार पर कॉलेजों की यूजीसी से मिलने वाली अनुदान राशि और मिलने वाली सुविधाएं तय होती हैं। नैक मूल्यांकन 1000 अंकों का होता है। इसमें से सेल्फ असेसमेंट रिपोर्ट के 70 प्रतिशत (700 अंक) होते हैं। ऑनलाइन रिपोर्ट जमा करने के बाद इसका मूल्यांकन हो चुका है। वहीं 30 प्रतिशत (300 अंक) पीयर टीम के निरीक्षण के रहते हैं। दोनों में पास होने के लिए 30 प्रतिशत अंक लाना जरुरी है। इसके आधार पर कॉलेज को ग्रेड प्रदान कि या जाता है। ग्रेड के आधार पर अनुदान दिया जाता है। निरीक्षण को लेकर लीड कॉलेज में इन दिनों जोरों पर तैयारियां चल रही हैं, रिकार्ड आदि अपडेट कर लिए गए हैं, अब भवन की रिपेयरिंग व रंगाई-पुताई आदि का कार्य चल रहा है। निरीक्षण के लिए दौरान नैक की टीम छात्र-छात्राओं से भी चर्चा कर सकती है। इससे विद्यार्थियों को भी इसे लेकर अपडेट करने के साथ जानकारी दी जा रही है। टीम विद्यार्थियों से कॉलेज की वास्तविक स्थिति और सुविधाओं के बारे में सवाल-जबाव कर सकती है। निरीक्षण में खासतौर पर कॉलेज की इन्फ्रास्ट्रक्चर, रिसर्च, स्टूडेंट्स को मिलने वाली सुविधाएं, प्रोफेसरों की जानकारी आदि के आंकलन के बाद ग्रेडिंग देगी। इन दिनों नैक टीम के आगमन को लेकर कॉलेज में तैयारियां की जा रही है। नैक मूल्यांकन के लिए लीड बीएसएन कॉलेज कई साल से प्रयास कर रहा है किंतु आवेदन प्रक्रिया ही पूरी नही हो पा रही थी। मूल्यांकन को लेकर उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कड़ा रुख अपनाने पर प्रक्रिया ने जोर पकड़ा और अब लीड बीएसएन कॉलेज में पहली बार नैक पियर टीम निरीक्षण के लिए आने वाली है। आवेदन प्रक्रिया में रिकॉर्ड में कॉलेज का नाम अलग-अलग होने के कारण आवेदन प्रक्रिया में काफी दिक्कत आई। जिससे सुधारने के बाद आवेदन स्वीकार किया जा सका।