
सेना के उपप्रमुख मनोनीत लेफ्टिनेंट जनरल एमएम नरवाने ने मंगलवार को पाकिस्तान और चीन दोनों पड़ोसी देशों को स्पष्ट संदेश दिया। उन्होंने कहा कि अगर चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर विवादित क्षेत्र में 100 बार अतिक्रमण किया है तो भारतीय सेना ने 200 बार ऐसा किया है। उन्होंने दावा किया कि चीन ने डोकलाम गतिरोध के समय क्षेत्रीय दबंग की तरह काम किया। फिलहाल पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ, नरवाने ने कहा कि चीन को समझना चाहिए कि भारतीय सेना वैसी नहीं रही जैसी 1962 में चीन-भारत युद्ध के समय थी। पाकिस्तान की परमाणु धमकी पर उन्होंने कहा कि वह धमकियां देता रहे, भारत इससे डरने वाला नहीं है। लेफ्टिनेंट जनरल नरवाने ने कोलकाता में भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स में अपनी सीमाओं की रक्षा पर संवाद के दौरान कहा, डोकलाम गतिरोध से चीन को स्पष्ट संकेत मिला था कि भारतीय सशस्त्र बल कमजोर नहीं पड़े। जब पूर्व वायु सेना प्रमुख और चैंबर की रक्षा उप समिति के सदस्य अरूप राहा ने 1962 के युद्ध से मिले सबक और उसके बाद समस्याओं से निपटने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में पूछा, तो नरवाने ने कहा, हम अब 1962 वाली सेना नहीं हैं। अगर चीन कहता है कि इतिहास मत भूलो तो हमें भी उन्हें यही बात कहनी है। उन्होंने कहा कि भारत 1962 से बहुत आगे निकल आया है और 2017 के डोकलाम गतिरोध के दौरान चीन की कोई तैयारी नहीं दिख रही थी।