YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

नेशन

अंतरिक्ष मिशन गगनयान में कोई महिला नहीं होगी शामिल : इसरो

अंतरिक्ष मिशन गगनयान में कोई महिला नहीं होगी शामिल : इसरो

भारत के सबसे महात्वाकांक्षी प्रथम मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान में किसी महिला अंतरिक्ष यात्री के शामिल होने की उम्मीद लगभग क्षीण है, क्योंकि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) संभावित अंतरिक्ष यात्रियों की खोज सशस्त्र बलों के टेस्ट पायलट (नए विमानों का परीक्षण करने वाले अति दक्ष पायलट) में से कर रहा है और उनमें कोई भी महिला नहीं है। यह जानकारी बुधवार को इसरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी। इसरो अधिकारी ने कहा कि फिलहाल इस मिशन में महिला के शामिल होने की संभावना नहीं दिखती, लेकिन महिलाओं सहित अन्य असैनिक भविष्य के मानव मिशन का हिस्सा होंगे। उन्होंने बताया कि इसरो ने पहले मानव मिशन के लिए संभावित उम्मीदवारों को चुनने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और अगले महीने तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। चुने गए उम्मीदवारों को नवंबर में प्रशिक्षण के लिए रूस भेजा जाएगा।
पहले गगनयान मिशन को 2022 में तीन अंतरिक्ष यात्रियों के साथ भेजने की योजना है। इन यात्रियों का चयन सशस्त्र बलों के टेस्ट पायलटों में से किया जाएगा। अधिकारी ने बताया, 'विभिन्न देशों की ओर से पहले भेजे मानव मिशन में भी टेस्ट पायलट को ही भेजा गया। इसलिए हम भी अपने मिशन में इस परिपाटी पर कायम रहना चाहते हैं। हम सशस्त्र बलों के टेस्ट पायलट को देख रहे हैं लेकिन उनमें कोई महिला टेस्ट पायलट नहीं है। भविष्य में गैर सैन्य पृष्ठभूमि के लोग मिशन का हिस्सा होंगे।'
भारत ने गगनयान मिशन में सहयोग के लिए रूस और फ्रांस से करार किया है। पिछले महीने केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मॉस्को में इसरो के तकनीकी संपर्क केंद्र स्थापित करने को मंजूरी दी। इससे खासकर गगनयान जैसे प्रोजेक्ट में सहयोग मिलने में आसानी की उम्मीद है। गगनयान परियोजना के लिए 10,000 करोड़ रुपये की लागत आने की उम्मीद है। इनमें प्रौद्योगिकी विकास, यान के निर्माण और जरूरी आधारभूत ढांचे का विकास शामिल है। गगनयान के तहत दो मानव रहित और एक मानव मिशन को अंजाम दिया जाएगा। ज्ञात हो कि महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में स्वतंत्रता दिवस पर दिए भाषणा में की थी। वायुसेना के पायलट राकेश शर्मा पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री थे। उन्होंने 2 अप्रैल 1984 को प्रक्षेपित सोवियत संघ के यान सोयुज टी-11 के जरिए अंतरिक्ष यात्रा की थी।

Related Posts