
देश में इन दिनों वाहन बाजार में सुस्ती का सिलसिला जारी है। अगस्त में वाहनों की बिक्री में 30 प्रतिशत की जोरदार गिरावट देखी गई। इसके बाद वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम ने सोमवार को कहा कि सरकार को वाहन उद्योग को रफ्तार देने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए। सियाम ने मोदी सरकार से वाहनों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में कटौती और पुराने वाहनों के लिए कबाड़ नीति लाने की मांग की है। सियाम ने कहा कि वाणिज्यिक और दोपहिया वाहनों में भी गिरावट जारी है। इसके बाद पता चलता है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जिन उपायों की घोषणा की है, बाजार ने अभी उन पर प्रतिक्रिया नहीं दी है। सियाम के अध्यक्ष राजन वढेरा ने कहा कि गिरावट के इस दौर के बीच उद्योगों ने अपने उपभोक्ताओं को काफी आकर्षक रियायतें दी हैं। उन्होंने कहा,‘‘उद्योग की बड़ी छूट देने की क्षमता सीमित है।इसकारण सरकार को वाहनों की लागत को कम करने के लिए जीएसटी दर को 28 से घटाकर 18 प्रतिशत करना चाहिए। इसके बाद नए वाहनों के लिये मांग बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि वाहन उद्योग के सभी खंडों के लिए प्रोत्साहन आधारित कबाड़ नीति भी लाने की जरूरत है। वित्तमंत्री ने इसका वादा भी किया है। वढेरा ने कहा कि त्यौहारी सीजन नजदीक है।इसकारण यह जरूरी हो जाता है कि इसपर फैसला तत्काल लेकर इनकी घोषणा बिना विलंब के की जाए। इससे उद्योग के लिए त्यौहारी सीजन बेहतर रहेगा। वढेरा ने कहा कि ऋण की उपलब्धता और इसकी लागत में कटौती के बारे में कई घोषणाएं की गई हैं लेकिन गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) तक इनका फैलाव नहीं हो पाया है, जबकि यहीं क्षेत्र वाहनों के लिए विशेषरूप से कर्ज उपलब्ध कराता है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता धारणा भी कमजोर है। रविवार को कई वाहन कंपनियों मसलन मारुति सुजुकी इंडिया, हुंदै, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स और होंडा के अगस्त माह की बिक्री के आंकड़े आए हैं। सभी प्रमुख वाहन कंपनियों की अगस्त माह की बिक्री 10 प्रतिशत से अधिक घटी है।