
शिवसेना ने गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर डॉ मनमोहन सिंह द्वारा दिये गए बयान का समर्थन किया है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिये गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर बीजेपी सरकार पर सवाल उठाया है। सेना की ओर से कहा गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अर्थशास्त्र और देश की अर्थनीति की अच्छी समझ है। सामना में लिखा गया है कि डॉ मनमोहन सिंह ने बेवजह मुंह नही खोला है। मंदी के भयंकर हालात सरकार को नज़र नही आ रहे हैं, ये बात हैरान करने वाली है। वित्त मंत्री मंदी के सवाल पर चुप्पी साधे ही नज़र आती हैं। शिवसेना ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर भी टिप्पणी की और कहा कि महिला होना और देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में फर्क है। अभी तक नोटबंदी और जीएसटी पर सवाल उठाने वालों को मूर्ख कहा गया। पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने जीडीपी दर (5 फीसद) में गिरावट को लेकर मोदी सरकार को घेरा था। उन्होंने अर्थव्यवस्था की सुस्त रफ्तार पर चिंता जताते हुए कहा था कि जून तिमाही में जीडीपी दर 5 फीसद होना यह दर्शाता है कि भारत दीर्घकालीन आर्थिक सुस्ती की गिरफ्त में है। पूर्व पीएम ने कहा था कि भारत में ज्यादा तेजी से विकास करने की क्षमता है, लेकिन मोदी सरकार के कुप्रबंधन के कारण सुस्ती का दौर आ गया है। उन्होंने कहा था कि आर्थिक विकास को गति देने के लिए सरकार को सभी पक्षों से बात करनी चाहिए। अनुच्छेद 370 हटाने और आर्थिक मंदी पर शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखा है कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना और आर्थिक मंदी दो अलग विषय हैं। कश्मीर में विद्रोहियों को बंदूक के जोर पर पीछे धकेला जा सकता है लेकिन बेरोजगार सड़कों पर आएंगे तो उन्हें भी गोली मारोगे क्या?