
पिछले कुछ दिनों से लगातार फ्रंटफ्रूट पर खेल रहे वनमंत्री उमंग सिंघार अब बैकफूट पर आ गए हैं, लेकिन उनकी बयानबाजी आहत हुए पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के समर्थक अब मुखर हो रहे हैं। हालांकि सिंघार ने तो मुख्यमंत्री कमलनाथ से मंगलवार की रात हुई मुलाकात के बाद एकदम से चुप्पी साध ली है। बयानबाजी से आहत दिग्गी के समर्थकों सिंघार के बंगले के बाहर उनके खिलाफ नारेबाजी की और पुतला जलाया तो वहीं पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी ने मंत्री को भाजपा का दलाल करार दिया। इसी तरह पूर्व सांसद रामेश्वर नीखरा ने दिग्विजय की मुखालफत से भाजपा को फायदा होने का बयान दिया है।विधायक एदल सिंह कंसाना ने अनुशासनहीनता करने वाले तमाम मंत्रियों को हटाने की मांग मुख्यमंत्री से की है। इधर, कांग्रेस के राजनीतिक माहौल की गरमाहट का सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय प्रत्याशियों ने फायदा लेते हुए मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी को अपनी स्थिति सुधारने की सलाह दे डाली है। वन मंत्री सिंघार की मंगलवार की रात मुख्यमंत्री से हुई एक घंटे की चर्चा के बाद वे अज्ञातवास पर चले गए थे। माना जा रहा है कि कमलनाथ ने उन्हें सार्वजनिक तौर पर कुछ न कहने के लिए सख्त हिदायत दी है। बुधवार को सुबह सरकारी निवास पर पहुंचे। मीडिया ने उनसे सीएम से मुलाकात और दिग्विजय सिंह को लेकर कई सवाल किए मगर उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की। उन्होंने कहा कि मैं अब तक जो कह चुका हूं, उसके बाद कुछ नहीं कहूंगा। जो भी कहूंगा पार्टी फोरम पर कहूंगा।
सीएम द्वारा फटकार लगाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मेरे चेहरे से लग रहा है कि मुझे किसी ने फटकारा है। इस बीच उनसे मिलने के लिए वहां पीसीसी की मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा भी पहुंची और मंत्री इसके बाद बंगले से चले गए। उनके बंगले से जाते ही मोहम्मद शावर व सुबोध जैन जैसे कुछ स्थानीय नेता जो अपने आपको दिग्विजय समर्थक बता रहे थे, वहां पहुंचे और सिंघार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनका पुतला जलाने लगे। उन्होंने सिंघार को पार्टी से बाहर करने की मांग की और कहा कि अगर कार्रवाई नहीं की गई तो मंत्री जहां भी जाएंगे, वे वहां उनका विरोध करेंगे। मप्र कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष व पूर्व सांसद रामेश्वर नीखरा ने कहा कि दिग्विजय सिंह ने बयान दिया था कि भाजपा व बजरंग दल के लोग आईएसआई से धन लेकर देश में राष्ट्र विरोधी गतिविधियां कर रहे हैं । इससे दिग्विजय, आरएसएस और भाजपा के निशाने पर हैं। शिवराज सिंह चौहान ने भी दिग्विजय को सुपर चीफ मिनिस्टर कहकर कटाक्ष किया था। नीखरा ने कहा कि अब कांग्रेस के ही कुछ मंत्रियों व विधायकों की ओर से दिग्विजय सिंह द्वारा लिखी गई चिट्ठी को लेकर जिस शब्दावली का प्रयोग किया जा रहा है, उससे भाजपा और संघ को ही फायदा मिल रहा है।पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ बयानबाजी करने वाले मंत्री उमंग सिंघार भाजपा के एजेंट हैं। अगर जवाहरलाल नेहरू या इंदिरा गांधी के समय कोई मंत्री ऐसी बयानबाजी करता तो वह मंत्रिमंडल से बाहर हो जाता। कुरैशी ने कांग्रेस पार्टी से कहा कि ऐसे मंत्री को पार्टी में रखा जाए या नहीं, इस पर विचार करें।