YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

नेशन

अरूण जेटली के कामों को याद कर रो रही हैं करनाली गांव की महिलाएं

अरूण जेटली के कामों को याद कर रो रही हैं करनाली गांव की महिलाएं

 पूर्व वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आदर्श ग्राम योजना के तहत वडोदरा के जिस गांव को गोद लिया था, उस गांव की महिलाएं आज भी उनके कामों को याद कर रो रही हैं| गांव के लोग अरुण जेटली के निधन से आज भी शोक में डूबे हैं| पिछले महीने 24 अगस्त को अरुण जेटली का निधन हो गया था|
देश के पूर्व वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री जैसे पद पर रह चुके अरुण जेटली ने आदर्श ग्राम योजना के तहत वड़ोदरा जिले की डभोई तहसील के करनाली गांव को गोद लिया था जहां उन्होंने मन लगा के गांव का विकास किया| जेटली ने गांव को गोद लेते ही गांव में विकास का काम शुरू कर दिया था| जेटली के गांव को गोद लेने के बाद से आज गांव में हर एक जरुरी चीजें मौजूद हैं| जेटली ने गांव में महिलाओं को रोजगार से लेके सड़क, सोलार लाइट्स जैसी तमाम चीज़ो का विकास किया है| जेटली ने 1000 से 1500 के आबादी वाले गांव में स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स का भी निर्माण करवाया है जिसके बारे में गांव के बच्चो ने सपने में भी नहीं सोचा था| गांव में तीन मज़िला स्कूल भी बनवाई गई है| गांव के हर घर में नल से पानी आता है| वहीं गांव में पूल न होने के कारण ग्रामीणों को नाव से नदी पार करके दूसरी और जाना पड़ता था जिसमे जान का भी खतरा बना रहता था साथ ही इसमें समय भी बर्बाद होता था| लेकिन अब गांव में पक्के पूल का भी निर्माण करवा दिया गया है जिससे अब लोगों का टाइम भी बचता है और जान का खतरा भी नहीं रहता है|
गांव में पक्की सड़क है सोलर लाइट्स है, ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था है| इस सब के अलावा पर्यावरण को भी ध्यान में रखते हुए वृक्षारोपण भी किया गया है| गांव में इंफ्रास्ट्रक्चर और बाकी विकास के कार्यों के अलावा महिलाओ का भी ख़ास ख़याल रखा गया हैं| स्किल इंडिया के तहत गांव की महिलाओ के लिए कई कैंप करवाए गए जिससे गांव की महिलाएं आत्मनिर्भर हो सकें और आज अगर जो कोई सबसे ज़्यादा जेटली जी को याद करता है तो वह हैं गांव की महिलाएं| आज जेटली जी की बदौलत वे आत्मा निर्भर भी है उनके बच्चो के लिए गांव में स्कूल है, खेलने के लिए स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स है जिससे गांव की महिलाए बेहद प्रसन्न है| आज जेटली जी के निधन से उतनी ही दुखी भी है| गांव की महिलाए बिलख-बिलख कर रो रही हैं| ऐसे दौर में ऐसा कौन सा नेता होगा जो इस गांव के बारे में सोचेगा| अरुण जेटली के निधन के बाद गांव के लोगों ने अपना धंधा रोज़गार बंध रख कर जेटली जी को श्रद्धांजलि अर्पित की है|

Related Posts