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भाजपा, शिवसेना विधायकों को ‘खरीदेगी’ तो क्या उसके पास सरकार गठन का नैतिक अधिकार है : कांग्रेस

भाजपा, शिवसेना विधायकों को ‘खरीदेगी’ तो क्या उसके पास सरकार गठन का नैतिक अधिकार है : कांग्रेस

भाजपा, शिवसेना विधायकों को ‘खरीदेगी’ तो क्या उसके पास सरकार गठन का नैतिक अधिकार है : कांग्रेस 
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर भाजपा- शिवसेना की खींचतान के बीच कांग्रेस ने गुरुवार को पूछा कि ‘महायुति’ के घटक दल शिवसेना को इस बात का डर लगता है कि सहयोगी दल भाजपा उसके विधायकों को ‘खरीदेगी’ तो क्या उसके पास महाराष्ट्र में सरकार गठन का नैतिक अधिकार है। भाजपा और शिवसेना ने हाल ही में संपन्न राज्य विधानसभा चुनाव अन्य छोटे सहयोगियों के साथ ‘महायुति’ (महागठबंधन) के तौर पर लड़ा था। भाजपा और शिवसेना की राज्य में सरकार बनाने की राह आसान होने के बावजूद दोनों दल मुख्यमंत्री के पद को लेकर अड़े हुए हैं।
शिवसेना चाहती है कि मुख्यमंत्री का पद ढाई-ढाई साल के लिए साझा किया जाए लेकिन भाजपा ने ऐसी व्यवस्था से इनकार कर दिया है। कुछ भाजपा नेताओं ने दावा किया कि शिवसेना नेताओं का एक वर्ग पाला बदलने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के संपर्क में है। महायुति के घटक दलों में तनातनी के बीच महाराष्ट्र कांग्रेस के महासचिव सचिन सावंत ने भाजपा पर आरोप लगाया कि अगर शिवसेना को डर है कि अमित शाह के नेतृत्व वाली पार्टी उसके विधायकों की खरीद-फरोख्त करेगी तो वह ‘नैतिक रूप से भ्रष्ट’ है।
सावंत ने एक ट्वीट किया, ‘शिवसेना, भाजपा की गठबंधन सहयोगी और महायुति का हिस्सा है। अगर उसे डर लगता है कि भाजपा उनके विधायकों को खरीदेगी तो हम बहुत अच्छी तरह समझ सकते हैं कि भाजपा नैतिक रूप से कितनी भ्रष्ट है और क्यों हमें महाराष्ट्र को उनसे बचाना चाहिए। क्या महायुति के पास अब सरकार बनाने का नैतिक अधिकार है?’ भाजपा पर निशाना साधते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय झा ने कहा कि खंडाला, अलीबाग, माथेरान और मड आइलैंड जैसे मुंबई के समीप के स्थानों में रिजार्ट जल्द ही बंद किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘लेकिन उन्हें दिए पैसों को देखते हुए भाजपा को मालदीव, बहामास, बरमूडा और पटाया पर भी विचार करना चाहिए।’
भाजपा का नाम लिए बगैर राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख जयंत पाटील ने यह भी दावा किया कि कुछ विधायकों को लालच दिया गया है। पाटील ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘कुछ विधायकों को अब लालच दिया गया है। लेकिन अगर कोई भाजपा के खेमे में जाता है तो अन्य दल एकजुट होंगे और उन्हें उपचुनाव में हराएंगे।’ बहरहाल, उन्होंने कहा कि राकांपा विधायकों को लालच नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘जो भी दल बदलना चाहते हैं वो चुनाव से पहले चले जाएं। जो भी राकांपा के टिकट पर निर्वाचित हुए उसमें लोगों का भरोसा है और हम विपक्ष में बैठने के लिए तैयार हैं।’


 

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