
डीआइएन नंबर हुआ लागू, कारोबारियों पर होगा असर
भारत के कारोबारियों के हितों की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार ने इनकम टैक्स के बाद अब जीएसटी में दस्तावेज पहचान संख्या (डिन) को लागू कर दिया है। केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीआईसी) के आदेश के मुताबिक, डिन का इस्तेमाल उन जीएसटी मामलों में होगा, जिनकी इन्क्वायरी चल रही है और उनमें अरेस्ट और सर्च वारंट जारी हो चुका है। सीबीआईसी के मुताबिक 8 नवंबर के बाद जो भी कागज जारी होगा उस पर डिन देना जरूरी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब विभाग से जारी हर नोटिस पर कंप्यूटर जेनरेटेड दस्तावेज पहचान संख्या (डिन) होगा। साथ ही नए फैसले के तहत अब ये नंबर टैक्सपेयर्स को मिले वाले सभी डॉक्युमेंट पर भी जरूरी हो गया है। यह सिस्टम टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन में अधिक जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी। टैक्स डिपार्टमेंट अब जो नोटिस जारी करता है उसमें दस्तावेज पहचान संख्या (डिन) होता है। अगर किसी भी नोटिस पर ये नंबर नहीं है तो वो वैलिड नहीं है। राजस्व सचिव डॉ. अजय भूषण पांडेय का कहना है कि अप्रत्यक्ष कर पर सरकार में सबसे पहले डिन का उपयोग किसी भी जांच प्रक्रिया के दौरान जारी समन, तलाशी के लिए अधिकृत करने, गिरफ्तारी पत्रक, जांच नोटिस और पत्रों के लिए किया जाएगा। डिन वाले सभी निर्दिष्ट पत्र-व्यवहार का सत्यापन ऑनलाइन पोर्टल सीबीआईसीडीडीएमडॉटजीओवीडॉटइन पर हो सकेगा। 5 नवम्बर को जारी डिन संबंधी सर्कुलर के अनुसार अगर दिशा-निर्देशों के मुताबिक नोटिस जारी नहीं होता है तो वो मान्य नहीं होगा।