
डायरेक्ट टैक्स कोड में 4 टैक्स स्लैब का सुझाव
- सरकार की आमदनी 55 हजार करोड़ बढ़ेगी
अगर डायरेक्ट टैक्स पर टास्क फोर्स की रिपोर्ट को पूरी तरह लागू करने का फैसला किया जाता है तो इससे सरकार की आमदनी 55,000 करोड़ रुपए से अधिक बढ़ सकती है। इस रिपोर्ट में मौजूदा इनकम टैक्स स्लैब्स और कैपिटल गेन्स टैक्स सिस्टम को बदलने का सुझाव दिया गया है। सरकार ने टास्क फोर्स की रिपोर्ट पर विचार करना शुरू कर दिया है और इसके कुछ सुझावों को आगामी बजट में शामिल किया जा सकता है। टास्क फोर्स की रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं की गई है। एक सूत्र ने बताया कि इसमें ऐसे लोगों के खिलाफ मामला न चलाने या असेसमेंट दोबारा न खोलने का सुझाव दिया गया है, जो छह वर्ष तक की पिछली अवधि के लिए इंट्रेस्ट और 50 फीसदी पेनाल्टी के साथ अधिक इनकम टैक्स देते हैं। इसके साथ ही रिपोर्ट में 10 लाख रुपए तक की इनकम वालों के लिए 10 फीसदी, 10-20 लाख रुपए के लिए 20 फीसदी, 20 लाख रुपए से 2 करोड़ रुपए तक की इनकम वालों के लिए 30 फीसदी और 2 करोड़ रुपए से अधिक की आमदनी वालों के लिए 35 फीसदी के पर्सनल इनकम टैक्स रेट का सुझाव गया है।
हालांकि मौजूदा इनकम टैक्स एग्जेम्पशन लिमिट में किसी बदलाव का सुझाव नहीं है। टास्क फोर्स ने सरचार्ज को हटाने की भी जरूरत बताई है। इसने प्रविडेंट फंड, मेडिकल और एजुकेशन खर्चों, हाउसिंग लोन और चैरिटी पर उपलब्ध डिडक्शन को सीमित करने का सुझाव दिया है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज के मेंबर अखिलेश रंजन टास्क फोर्स में कन्वेनर और चीफ इकनॉमिक एडवाइजर के सुब्रमणियन मेंबर के तौर पर शामिल थे। इसकी रिपोर्ट 19 अगस्त को सौंपी गई थी। इसमें टैक्स स्ट्रक्चर में बड़े बदलावों का सुझाव है जिनका लक्ष्य टैक्सपेयर्स को राहत देने के साथ ही टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी करना है। कैपिटल गेन्स टैक्स के लिए टास्क फोर्स ने तीन सूत्री व्यवस्था - इक्विटी, नॉन-इक्विटी फाइनैंशल असेट्स और प्रॉपर्टी सहित सभी अन्य अपनाने का सुझाव दिया है। इंडेक्सेशन के लाभ नॉन-इक्विटी फाइनैंशल असेट्स और अन्य सभी असेट कैटिगरी तक सीमित रखने का प्रपोजल है।