
आरबीआई डिप्टी गवर्नर पद के लिए दस लोगों के इंटरव्यू, जल्द निर्णय लेगा पीएमओ
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) में विरल आचार्य के इस्तीफा देने के बाद से खाली पड़े डिप्टी गवर्नर पद की रेस में 10 लोगों के नाम चल रहे हैं। विरल आचार्य केंद्रीय बैंक में मौद्रिक नीति समीक्षा विभाग के प्रमुख थे। फाइनेंशियल सेक्टर रेग्यूलेटरी अप्वाइंटमेंट सर्च कमेटी (एफएसआरएएससी) ने इस पद के लिए 10 लोगों का इंटरव्यू लिया है। उसने पीएमओ को अपनी रिपोर्ट भेज दी है। अब पीएमओ इस पर फैसला लेगा।
विरल आचार्य ने अगस्त 2019 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। तब से लेकर अब तक यह पद खाली पड़ा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक जिन आठ लोगों को इस पद के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है, उनके नाम इस प्रकार हैं- चेतन घाटे प्रोफेसर, भारतीय सांख्यिकी संस्थान, अरुणिश चावला, संयुक्त सचिव, व्यय विभाग, मनोज गोविल,प्रमुख वित्त सचिव, छत्रपति शिवाजी, एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर एडीबी, संजीव सांयल, मुख्य आर्थिक सलाहाकार, टीवी सोमनाथन, अतिरिक्त मुख्य सचिव, तमिलनाडु, माइकल पात्रा, आरबीआई एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर, प्राची मिश्रा, अर्थशास्त्री, गोल्डमैन सॉक्स।
घाटे और पात्रा आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में हमेशा सदस्य के नाते भाग लेते रहे हैं और सूत्रों के मुताबिक ये दोनों इस रेस में सबसे आगे चल रहे हैं। इस कमेटी में आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास और वित्तीय मामलों के सचिव भी शामिल हैं। एफएसआरएएससी किसी भी व्यक्ति को इस पद के लिए बिना आवेदन संस्तुति कर सकती है। आरबीआई में फिलहाल एनएस विश्वनाथन, बीपी कानूनगो और एमके जैन डिप्टी गवर्नर के पद पर हैं। रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने भारत सरकार को बॉन्ड बाजार में हिस्सेदारी घटाने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में भारत को बड़ी विनिवेश योजना की जरूरत है। साथ ही भूमि, श्रम और कृषि क्षेत्र में तत्काल बड़े सुधार का प्रयास होना चाहिए।