YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

नेशन इकॉनमी

 ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से मुकाबले के लिए सरकार तैयार कर रही रिटेल फ्रेमवर्क 

 ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से मुकाबले के लिए सरकार तैयार कर रही रिटेल फ्रेमवर्क 

 ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से मुकाबले के लिए सरकार तैयार कर रही रिटेल फ्रेमवर्क 
ऑनलाइन कारोबार से प्रभावित खुदरा व्यापारियों की सुध लेते हुए सरकार ने योजना बनाना शुरू कर दिया है। छोटी किराना दुकानों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से मुकाबला करने में मदद करने के लिए सरकार नेशनल रिटेल फ्रेमवर्क तैयार कर रही है। योजना के तहत रिटेलर्स को वन-टाइम रजिस्ट्रेशन फीस, वर्किंग कैपिटल के लिए सॉफ्ट लोन और इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। सरकारी अधिकारी ने बताया, 'एक नेशनल फ्रेमवर्क पर काम शुरू हुआ है, जिसे राज्य अपना सकते हैं।' रिटेल से जुड़े मामले राज्य सरकार के अंतर्गत आते हैं। सभी राज्यों ने सेक्टर को लेकर अलग-अलग पॉलिसी अपना रखी है। फ्रेमवर्क तैयार करने के लिए डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (डीपीआईआईटी) ने राज्यों से ऐसे स्टोर की संख्या बताने को कहा है। देश की 2.7 लाख करोड़ डॉलर की जीडीपी में लोकल ट्रेड की 15 फीसदी हिस्सेदारी है। देश में छह करोड़ से अधिक बिजनेस एंटरप्राइजेज हैं। अनुमान के मुताबिक, डोमेस्टिक ट्रेड से 25 करोड़ लोगों को रोजगार मिलता है और यह आंकड़ा हर साल 15 फीसदी बढ़ रहा है। ज्यादातर राज्यों में दुकानों से जुड़े नियम हैं, जिनके तहत स्टोर को रजिस्टर किया जाता है। हर राज्य में रजिस्ट्रेशन पॉलिसी, फीस और अन्य कायदे अलग हैं। कुछ राज्यों में सालाना तो कुछ में हर साल पर दुकानों को रजिस्ट्रेशन कराना होता है।
सरकार नेशनल पॉलिसी के जरिए नियमों को आसान, समान और कम जटिल बनाने और किराना दुकानों पर कॉस्ट का भार घटाने की कोशिश कर रही है। सूत्र ने बताया कि फ्रेमवर्क में लाइफटाइम रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन एनरोलमेंट की सुविधा मुहैया कराने पर विचार किया जा रहा है। अधिकारी ने बताया, 'हम छोटे दुकानदारों की परेशानियों को समझने और उनका समाधान करने की कोशिश कर रहे हैं। हम उनके लिए सॉफ्ट लोन, डिजिटल पेमेंट मैकेनिज्म जैसी सुविधाओं पर भी विचार कर रहे हैं।' कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेड (सीएआईटी) के सेक्रेटरी जनरल प्रवीण खंडेलवाल के मुताबिक, लगभग 65 फीसदी स्टोर ऐसे हैं, जिनका डिजिटलीकरण नहीं हुआ है। ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ रिटेलर्स की शिकायतों का मोर्चा सीएआईटी ने संभाला है। इसने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर डिस्काउंट के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। हालांकि, ई-कॉमर्स फर्मों ने आरोपों को खारिज किया है। 

Related Posts