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सुबह-सुबह चौंक गया देश :  फडणवीस फिर बने सीएम, अजित पवार डिप्टी सीएम

सुबह-सुबह चौंक गया देश :  फडणवीस फिर बने सीएम, अजित पवार डिप्टी सीएम

सुबह-सुबह चौंक गया देश :  फडणवीस फिर बने सीएम, अजित पवार डिप्टी सीएम
भारतीय राजनीति का सबसे बड़ा उलटफेर
राजनीति कब कौन सा रंग दिखा दे, कह नहीं सकते। ऐसा ही कुछ महाराष्ट्र में हुआ है। सुबह जिसने भी महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम की खबर सुनी, चौंक गया। महाराष्ट्र में शनिवार सुबह भारतीय राजनीति का सबसे बड़ा उलटफेर देखने को मिला। शनिवार सुबह भाजपा ने एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने देवेंद्र फडणवीस को सीएम पद की शपथ दिलाई। वहीं अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। शपथ लेने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महराष्ट्र की जनता ने स्पष्ट जनादेश दिया था। हमारे साथ लड़ी शिवसेना ने उस जनादेश को नकार कर दूसरी जगह गठबंधन बनाने का प्रयास किया। महाराष्ट्र को स्थिर शासन देने की जरूरत थी। महाराष्ट्र को स्थायी सरकार देने का फैसला करने के लिए अजित पवार को धन्यवाद। अजित पवार ने कहा कि परिणाम दिन से लेकर आज तक कोई भी सरकार सरकार बनाने में सक्षम नहीं थी, महाराष्ट्र किसान मुद्दों सहित कई समस्याओं का सामना कर रहा था, इसलिए हमने एक स्थिर सरकार बनाने का फैसला किया।
मोदी ने दी बधाई
वहीं इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र का दोबारा सीएम बनने पर बधाई दी है। पीएम ने कहा, देवेंद्र फडणवीस जी और अजित पवार जी को क्रमश: मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर बधाई। मुझे विश्वास है कि वे महाराष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य के लिए लगन से काम करेंगे।
शिवसेना, कांग्रेस-एनसीपी नहीं ले पाई फैसला
बता दें कि इससे पहले महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की बैठक में मुख्यमंत्री के नाम पर कोई अंतिम फैसला नहीं हो पाया था। हालांकि, शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा था कि उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनने को तैयार हैं। इससे पहले तीनों पार्टियों की बैठक से निकलने के बाद शरद पवार ने कहा था कि जहां तक मुख्यमंत्री की बात है, उस पर कोई दोराय नहीं है। उद्धव ठाकरे को ही सरकार को लीड करना चाहिए लेकिन शनिवार सुबह महाराष्ट्र के राजनीति की तस्वीर बदल गई।
12 को लगा था राष्ट्रपति शासन
गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों के लिए 21 अक्टूबर को चुनाव हुए थे और नतीजे 24 अक्टूबर को आए थे। राज्य में किसी पार्टी या गठबंधन के सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करने की वजह से राज्य में 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। शिवसेना के मुख्यमंत्री पद की मांग को लेकर बीजेपी से 30 साल पुराना गठबंधन तोडऩे के बाद से राज्य में राजनीतिक संकट खड़ा हो गया था।
क्या बोले फडणवीस
फडणवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, अमित शाह जी और जेपी नड्डा जी का आभार व्यक्त करता हूं उन्होंने महाराष्ट्र की सेवा करने का मौका दिया। जनता ने हमें स्पष्ट जनादेश दिया था लेकिन शिवसेना ने हमारा साथ छोड़कर किसी और जगह गठबंधन करना शुरू कर दिया।
शिवसेना के कई विधायक संपर्क में
महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद अब कयास लगाए जा रहे हैं कि शिवसेना के भी कुछ विधायक सरकार के संपर्क में हैं। सदन में होने वाले फ्लोर टेस्ट में वे भाजपा का साथ देतेन नजर आ सकते हैं। हालांकि, शिवसेना ने अपने विधायकों को एक होटल में ठहराया है।
सदन का समीकरण
कुल सीटें 288
भाजपा 105
शिवसेना 56
एनसीपी 54
कांग्रेस 44
 

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