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जीएसटी मुआवजे को लेकर बढ़ी रार, केरल ने दी सुप्रीम कोर्ट जाने की धमकी 

जीएसटी मुआवजे को लेकर बढ़ी रार, केरल ने दी सुप्रीम कोर्ट जाने की धमकी 

जीएसटी मुआवजे को लेकर बढ़ी रार, केरल ने दी सुप्रीम कोर्ट जाने की धमकी 
 वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से हुए नुकसान के बदले मिलने वाला मुआवजा पिछले 3 महीने से न मिलने की वजह से नाराज होने वाले राज्यों की संख्या बढ़ती जा रही है। पहले केन्द्र सरकार पर 5 राज्यों ने सवाल उठाए थे, अब 7 राज्यों ने केंद्र सरकार के रवैए पर सवाल खड़े कर दिए हैं। केरल ने धमकी दी है कि अगर जरूरत हुई तब वह इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांच राज्यों के वित्त मंत्रियों से मुलाकात कर आश्वासन भी दिया कि अगस्त और सितंबर का बकाया जल्द ही जारी किया जाएगा, लेकिन राज्य इससे संतुष्ट नहीं दिख रहे। वित्त मंत्री ने इसके लिए कोई समय सीमा नहीं दी। 
पंजाब,केरल,राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के वित्त मंत्रियों ने बुधवार को वित्त मंत्री से मुलाकात कर मांग की  अगस्त से अब तक का बकाया फंड जल्द से जल्द जारी करे। इसके पहले पश्चिम बंगाल, पंजाब, केरल, राजस्थान और दिल्ली के वित्त मंत्री ने संयुक्त बयान जारी कर हाल में कहा था कि यह मुआवजा न मिलने से राज्य वित्तीय रूप से भारी दबाव में हैं और केंद्र सरकार ने इसकी कोई वजह भी नहीं जाहिर की है। पांचों राज्यों के वित्त मंत्रियों ने बयान जारी कर कहा है, अगस्त और सितंबर के लिए जीएसटी का मुआवजा केंद्र सरकार को अक्टूबर में देना था। लेकिन वह अभी तक नहीं मिला है। इस देरी की कोई वजह भी नहीं जाहिर नहीं गई है। इसकी वजह से राज्यों पर भारी वित्तीय दबाव है। राज्यों की बजट और प्लानिंग प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। 
गौरतलब है कि नई दिल्ली में 17-18 दिसंबर को जीएसटी कौंसिल की बैठक होने वाली है। इसमें यह मामला उठ सकता है। केरल के वित्त मंत्री थॉमस इस्साक ने ट्वीट कर कहा,'जरूरत पड़ेगी तब केरल सरकार अनुच्छेद 131 के तहत सुप्रीम कोर्ट जाएगी। संविधान का अनुच्छेद 131 सुप्रीम कोर्ट को यह अधिकार देता है कि केंद्र और राज्यों के बीच किसी विवाद का निपटारा कर सके।गौरतलब है कि जीएसटी राज्यों के कुल राजस्व का करीब 60 फीसदी हिस्सा होता है। जीएसटी लागू करते समय राज्य सरकारों के साथ केंद्र का जो समझौता हुआ है,उसके मुताबिक‍ होने वाले राजस्व के नुकसान की केंद्र सरकार भरपाई करेगी है। एक अनुमान के अनुसार सिर्फ अगस्त और सितंबर महीने के लिए ही राजस्थान का 4,400 करोड़, पंजाब का 21,00 करोड़ रुपये, दिल्ली का 2,355 करोड़ रुपये, केरल का 1,600 करोड़ और पश्चिम बंगाल का 1,500 करोड़ रुपये का बकाया केंद्र को देना है।


 

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