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सीमा वार्ता करने भारत यात्रा पर आएंगे चीनी विदेश मंत्री वांग यी

सीमा वार्ता करने भारत यात्रा पर आएंगे चीनी विदेश मंत्री वांग यी

सीमा वार्ता करने भारत यात्रा पर आएंगे चीनी विदेश मंत्री वांग यी
भारत-चीन सीमा विवाद को हल करने के लिए चीनी विदेश मंत्री एवं स्टेट काउंसिलर वांग यी भारत के दौरे पर आ रहे है। वांग यी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच दूसरी अनौपचारिक शिखर बैठक में हुए प्रमुख निर्णयों के क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए इस महीने भारत की यात्रा पर आएंगे। यह जानकारी कूटनीतिक सूत्रों ने बुधवार को दी। सूत्रों ने बताया कि वांग की विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बातचीत के दौरान चीन समर्थित क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) को लेकर भारत की प्रमुख चिंताएं मुख्य तौर पर उठने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि चीन के नेता वांग यी भारत को आरसीईपी से बाहर होने के अपने निर्णय की समीक्षा के लिए मनाने का प्रयास करेंगे। वह इसके साथ ही भारत को प्रस्तावित व्यापार समझौते को लेकर उसकी चिंताओं के समाधान की पेशकश कर सकते हैं। मोदी और शी के बीच गत अक्टूबर में मामल्लापुरम में अनौपचारिक शिखर बैठक के साथ ही भारत के बैंकाक में हाल में आयोजित आरसीईपी बैठक के बाद भारत के आरसीईपी से बाहर होने के निर्णय के बाद चीन के किसी वरिष्ठ नेता की यह पहली भारत यात्रा होगी।
एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि वांग की यात्रा का एजेंडा विस्तृत होगा। सूत्र ने बताया कि यात्रा की तिथि जल्द घोषित की जाएगी। सूत्रों ने बताया कि वांग भारत की यात्रा मुख्य तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के साथ सीमावार्ता करने के लिए कर रहे हैं। यद्यपि वह और जयशंकर के साथ द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और परस्पर हित के वैश्विक मुद्दों पर चर्चा भी करेंगे। डोभाल और वांग सीमावार्ता के लिए दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधि हैं।
सूत्रों ने कहा कि उम्मीद है कि दोनों पक्ष शिखर बैठक के दौरान किये गए निर्णयों के क्रियान्वयन की समीक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि जयशंकर और वांग के बीच बैठक के दौरान आरसीईपी को लेकर भारत की मूल चिंताओं पर चर्चा किये जाने की उम्मीद है क्योंकि समूह के कई देशों ने नई दिल्ली को व्यापार समूह में वापस लाने के प्रयास तेज कर दिये हैं। वर्षों की चर्चा के बाद भारत पिछले महीने प्रस्तावित आरसीईपी से ‘मूल चिंताओं’ का समाधान नहीं होने को लेकर बाहर हो गया था। भारत ने समूह की आयोजित बैठक में कहा था कि प्रस्तावित समझौते का वर्तमान स्वरूप भारतीयों के आजीविका और जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा।


 

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