
सेबी अब पहचान के बिना शिकायतों पर नहीं लेगा संज्ञान
बाजार नियामक संस्था सेबी ने एक बड़ा फैसला लेते हुए कहा कि अब वह ठोस आधार पर की गई शिकायतों पर ही कार्रवाई करेगा। वह उन्हीं शिकायतों पर गौर करेगा जहां निवेशक ने अपनी पहचान का खुलासा किया है और आरोप के समर्थन में दस्तावेज लगाये हैं। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि वह उन शिकायतों पर गौर नहीं करेगा जहां वह शिकायतकर्ताओं तक पहुंच पाने में सक्षम नहीं है। सेबी का यह बयान व्यक्तिगत रूप से चारूल सिंह की शिकायतों के संदर्भ में आया है। उन्होंने बाजार बुनियादी ढांचा संस्थान (एमआईआई) के खिलाफ कई शिकायतें कीं। उन्होंने कुछ मुद्दों को लेकर गंभीर आरोप लगाये और सेबी से आरोपों की जांच की मांग की। नियामक ने कहा कि शिकायतकर्ता ने बिना कोई जरूरी दस्तावेज के शिकायत की और न ही अपनी पहचान उजागर की। बयान के मुताबिक शिकायत में जो नाम दिया गया था, वह फर्जी था। इतना ही नहीं जो पता और फोन नंबर दिया गया, वह था ही नहीं। ई-मेल से भी कोई जवाब नहीं आया। इसमें कहा गया है कि शिकायकर्ता खुद को गड़बड़ी को उजागर करने वाला (व्हिसिलब्लोअर) बताया और बिना ठोस सबूत के आरोप विभिन्न चैनलों और अखबारों के साथ साझा किये। सेबी ने कहा कि चूंकि शिकायकर्ता तक पहुंचना संभव नहीं है, ऐसे में आम लोगों के जेहन में यह बात लानी है कि सेबी उन्हीं शिकायतों पर गौर कर सकता है जब निवेशक या शिकायकर्ता ने अपनी पहचान का खुलासा किया है और आरोप के समर्थन में दस्तावेज उपलब्ध कराये हैं। बयान के मुताबिक, ‘अगर सेबी शिकायकर्ता तक नहीं पहुंच पाता है तो वह कोई कार्रवाई नहीं कर सकता है।’ ‘व्हसिलब्लोअर’ संरक्षण कानून के तहत शिकायकर्ता को अपनी पहचान का खुलासा करते हुए जरूरी दस्तावेज के साथ शिकायत करनी होगी।