
रोजमर्रा उपयोगी सामान होंगे महंगे
रोजमर्रा उपयोग में आने वाले सामानों के महंगे हो सकते हैं। इन सामानों में बेसिक क्लोथिंग, फुटवियर और फूड आइटम्स शामिल हैं। दरअसल जीएसटी काऊंसिल जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) की सबसे निचली दर में करने के बारे में विचार कर रही है। 5 प्रतिशत की दर को बढ़ाकर 6 प्रतिशत किया जा सकता है। इससे सरकार को हर महीने 1000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त रैवेन्यू मिलने की उम्मीद है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक अगर इस दर को बढ़ाया जाता है तो सरकार एक महीने में 1 लाख करोड़ रुपए का जीएसटी कलेक्शन कर पाएगी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 5 प्रतिशत का टैक्स स्लैब जीएसटी कलैक्शन में 5 प्रतिशत का योगदान करता है। सरकार का लक्ष्य हर महीने तकरीबन 1.18 लाख करोड़ रुपए का जीएसटी कलैक्शन करने का है। इसके अतिरिक्त पैनल सिगरेट और ऐरेटिड ड्रिंक्स के लिए कम्पैनसेशन सैस रेट में बढ़ौतरी करने के बारे में सोच रही है। साथ ही जीएसटी के दायरे से बाहर रहने वाले उत्पादों पर भी टैक्स लगाने की योजना है। इन उत्पादों में दही, छाछ, सोयाबीन, प्रकाशित किताबें, जूट के रेशे और कॉफी बीन्स शामिल हैं, जिन पर जीएसटी लागू होने से पहले 6 प्रतिशत का टैक्स लगता था। सरकार ने ऐसे कारोबारियों के लिए जीएसटी इनपुट टैक्स क्रैडिट को रोकने का सुझाव दिया है जिन्होंने 2 महीनों से रिटर्न दाखिल नहीं किया है।