
लिखने से दूर हो सकती है महिलाओं की शरीर के प्रति असंतुष्टि
एक हालिया अध्ययन में खुलासा हुआ है कि अपनी शारीरिक प्रभाव को लेकर असंतुष्ट महिलाएं अगर अपने दुख को कहीं लिखें, तो उन्हें इससे बेहद सकारात्मक नतीजे हासिल किए जा सकते हैं। ‘साइकोलॉजी ऑफ वुमन क्वार्टरली’ जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, अपने दुख और क्षमताओं को पत्र में लिखने से शारीरिक छवि में सुधार आ सकता है। ‘नॉर्थवेस्टर्न विश्वविद्यालय’ में प्रोफेसर और अध्ययन की सह लेखिका रेनी एंगेन ने कहा कि सकारात्मक शरीर छवि हस्तक्षेप’ महिलाओं को यह बताने पर केंद्रित हैं कि वे स्वभाविक रूप से सुंदर हैं या उन्हें उनके शरीर को प्यार करने के लिए प्रोत्साहित करने वाले अक्सर असफल हो जाते हैं। अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार महिलाओं में अपने शरीर के प्रति असंतुष्टि होती है। इससे भोजन संबंधी अनियमितताएं, विकार और अवसाद जैसी चिंताजनक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। अध्ययन में 1,000 से ज्यादा कॉलेज छात्राओं ने भाग लिया, जिसने एक बार फिर साबित किया कि अपनी चिंताओं और शारीरिक क्रियाओं से संबंधित पत्रों से शारीरिक छवि में सुधार हो सकता है।