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कुलदीप सेंगर  फैसला सुनते ही रोने लगे विधायक सेंगर और शशि सिंह

कुलदीप सेंगर  फैसला सुनते ही रोने लगे विधायक सेंगर और शशि सिंह

कुलदीप सेंगर  फैसला सुनते ही रोने लगे विधायक सेंगर और शशि सिंह
पी के उन्नाव जिले में हुए बहुचर्चित सामूहिक दुष्कृत्य मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट का फैसला आ गया है। आदालत ने भाजपा के निलंबित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार दिया है। वहीं, सह आरोपी महिला शशि सिंह को बरी कर दिया गया। कोर्ट में जज का फैसला सुनते ही आरोपी कुलदीप सेंगर और शशि सिंह रोने लगे। हालांकि कोर्ट में शशि को बताया गया कि उन्हें बरी कर दिया गया है। लेकिन उसके बावजूद भी उनका रोना बंद नहीं हुआ। वहीं, सेंगर अपनी बहन के बगल में रोता दिखाई दिया। कोर्ट ने मुख्य आरोपी कुलदीप सेंगर को भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो अधिनियम के तहत दोषी करार दिया है, जबकि शशि सिंह को कोर्ट ने मामले में भूमिका को संदेह के घेरे में रखा। शशि ‌सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत न होने और न ही मामले में सीधे तौर पर भूमिका स्पष्ट होने के चलते कोर्ट ने उन्हें संदेह का लाभ देते हुए मामले से बरी कर दिया।
तीस हजारी कोर्ट ने विधायक कुलदीप सेंगर को धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 363 (अपहरण, 366 (शादी के लिए मजबूर करने के लिए एक महिला का अपहरण या उत्पीड़न), 376 (बलात्कार और अन्य संबंधित धाराओं) और पॉस्को के तहत दोषी करार दिया है। कोर्ट अब इस मामले में 19 दिसंबर को सजा पर बहस करेगा। इसके साथ ही कोर्ट ने सीबीआई को भी जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने मामले की जांच में देर करने और चार्जशीट दाखिल करने में समय लगाने को लेकर सीबीआई को आड़े हाथ लिया। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई ने चार्जशीट फाइल करने में एक साल लगा दिया। इससे जांच एजेंसी भी सवालों के घेरे में आती है। कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसी ने पीड़िता को बयान देने के लिए कई बार बुलाया जबकि सीबीआई के अधिकारियों को पीड़िता के पास बयान लेने के लिए जाना चाहिए था।

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