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अमेरिकी कंपनी स्केचर्स बोली- भारत में कारोबार करना अभी भी मुश्किल 

अमेरिकी कंपनी स्केचर्स बोली- भारत में कारोबार करना अभी भी मुश्किल 

अमेरिकी कंपनी स्केचर्स बोली- भारत में कारोबार करना अभी भी मुश्किल 
भारत में कारोबार करना अभी भी मुश्किल है यह कहना है अमेरिकी फुटवेयर कंपनी स्केचर्स इंक के शीर्ष अधिकारियों का उनके मुताबिक भारत में व्यापार करना आसान नहीं है। उनका संकेत नियमों में बार-बार बदलाव किए जाने और घरेलू इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए बाहर से आने वाले सामानों पर अधिक टैक्स लगाए जाने की तरफ था। स्केचर्स के ग्लोबल चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर डेविड वाइनबर्ग ने कहा, 'ईज ऑफ डूइंग' बिजनेस में सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी यहां कारोबार करना आसान नहीं है। भारत अपनी इकोनॉमी को बाहरी प्रोडक्ट्स से बचाना चाहता है और वह इस तरह से घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है। हालांकि ऐसा करना बहुत मुश्किल है। उन्होंने कहा, 'कुछ नियमों के कारण भारत में काम करना मुश्किल बना हुआ है। यहां राजनीतिक माहौल के हिसाब से नियम बदलते रहते हैं। टैरिफ व टैक्स में भी बार-बार बदलाव हो रहा है।'
सरकार ने डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए 350 से अधिक प्रोडक्ट्स की पहचान की है। इनमें खिलौने, टेक्सटाइल से लेकर फुटवियर, इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स शामिल हैं। इन पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर इनके ऑर्डर पर कड़ा क्वॉलिटी कंट्रोल किया जाएगा, ताकि आयात कम किया जा सके। कैलिफोर्निया का ब्रांड स्केचर्स स्पोर्ट्स, कैजुअल और फॉर्मल जूतों की बिक्री करता है। नाइकी और एडिडास एजी के बाद यह विश्व का तीसरा सबसे बड़ा फुटवियर ब्रांड है। स्केचर्स को भारत से एक अरब डॉलर तक की सालाना कमाई की उम्मीद है। कंपनी देश में पहले से अपैरल बनाती है। वह यहां फुटवियर का उत्पादन भी शुरू करने पर विचार कर रही है। इसके लिए ड्यू डिलिजेंस की प्रक्रिया चल रही है। यहां बनाए गए फुटवियर्स से घरेलू के साथ विदेशी बाजारों की मांग को पूरा किया जाएगा।

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