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थकान-कमजोरी तथा तनाव महसूस करे तो इसे आजमाएं -योगासन विपरीत करनी को करके देखें

थकान-कमजोरी तथा तनाव महसूस करे तो इसे आजमाएं -योगासन विपरीत करनी को करके देखें

अगर आप थकान-कमजोरी तथा तनाव महसूस कर रहे हैं और आपको समझ में नहीं आ रहा कि क्या करना चाहिए तो हम आपको बता रहे हैं इसका आसान हल। सबसे पहले तो आपको यह समझना होगा कि आखिर बर्नआउट यानी अक्रियाशील और स्ट्रेस में क्या अंतर है क्योंकि ये दोनों अलग-अलग चीजें हैं। बर्न आउट या अक्रियाशील हो जाना खासतौर पर कॉर्पोरेट वर्ल्ड में देखने को मिलता है। जब आप काम की वजह से बहुत ज्यादा स्ट्रेस में होते हैं और ऐसा लगता है कि सबकुछ सूख चुका है और अब कुछ बचा ही नहीं है और शरीर थकान के ऐसे पॉइंट पर पहुंच जाता है जहां से आगे आप एक इंच भी बढ़ ही नहीं सकते और कुछ भी करने की स्थिति में नहीं होते। इस दौरान आप सिर्फ शारीरिक रूप से नहीं बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी थकान महसूस करने लगते हैं। इस स्थिति को बर्न आउट कहते हैं जिसमें स्ट्रेस का लेवल बहुत ज्यादा हो। दुनियाभर के 24 प्रतिशत लोग बर्नआउट से पीड़ित हैं। ऐसे लोग इतना ज्यादा प्रेशर महसूस करते हैं कि उन्हें कंधे के आसपास, आंखों के ईर्द-गिर्द और सिर में खासतौर पर माथे के आसपास के हिस्से में दर्द महसूस होने लगता है। अगर इस तरह की समस्या का समय रहते समाधान नहीं किया गया तो इससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा रहता है और यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। शरीर दर्द से टूट रहा हो और बिस्तर से उठने का भी मन न करे तो आपको शरीर को जबरदस्ती उठाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। इसकी जगह बिस्तर पर लेटकर कुछ देर और रिलैक्स करें और उसके बाद योग का एक आसन- विपरीत करनी को आजमाकर देखें। तनाव से भरी परिस्थितियों से निपटने के लिए यह योग का एक बेहतरीन पोज है। इसमें आपको जमीन पर लेटकर अपने पैर दीवार पर सीधे रखने होते हैं और शरीर से एल-शेप बनाना होता है। जब भी आपको महसूस हो कि आपका शरीर इस कदर टूट चुका है कि आगे बढ़ने की हिम्मत भी नहीं बची तो विपरित करनी योग को ट्राई करें। शरीर के साथ-साथ दिमाग को भी रेस्ट देने में यह पोज बेहद कारगर माना जाता है। किसी भी तरह की थकान, कमजोरी, स्ट्रेस और बर्नआउट से निपटने के लिए योग के इस पोज को सिर्फ 10 मिनट रोजाना करें। भागदौड़ भरी जिंदगी में बिजी शेड्यूल को मैनेज करना आसान नहीं होता। कई बार स्ट्रेस इस कदर बढ़ जाता है कि नींद पूरी नहीं हो पाती, थकान से शरीर टूट रहा होता है और ऐसा लगता है मानो चारों तरफ सिर्फ काम ही काम नजर आ रहा हो। ऐसा स्ट्रेस ऑफिस के कामों से जुड़ा भी हो सकता है और घर के काम से जुड़ा भी। 

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