
फिच ने घटाया आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान
4.6 फीसदी रहेगी दर
फिच रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 5 प्रतिशत से घटाकर 4.6 प्रतिशत कर दिया। ऐसा इसलिए क्योंकि इस समय कंपनियों और उपभोक्ताओं का आत्म विश्वास कम हो रहा है। हालांकि एजेंसी ने देश की दीर्घकालिक वित्तीय साख 'बीबीबी के स्तर पर बरकार रखी है और आगे के आर्थिक परिदृश्य को स्थिर बताया है। फिच का अनुमान है कि 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि 5.6 प्रतिशत और 2021-22 में 6.5 प्रतिशत तक जा सकती है। रेटिंग एजेंसी की राय में मौद्रिक और राजकोषीय नीतियों में ढील व इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश से वृद्धि दर में क्रमिक सुधार होगा। एजेंसी ने कहा, फर्मों और उपभोक्ताओं का आत्मविश्वास गिरने और मुख्यत: गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के पास कर्ज के लिए धन के संकट जैसे घरेलू कारकों के प्रभाव में पिछली कुछ तिमाहियों में वृद्धि दर काफी गिरावट आई है, लेकिन इसके बाद भी हमने देश की आर्थिक वृद्धि दर का परिदृश्य ठोस रखा है।