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झारखंड विस चुनाव में आप के सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त, नोटा से भी कम मत मिले  

झारखंड विस चुनाव में आप के सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त, नोटा से भी कम मत मिले  

 झारखंड विस चुनाव में आप के सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त, नोटा से भी कम मत मिले
 
दिल्ली में दोबारा सत्ता हासिल करने की उम्मीद लगाए बैठी आम आदमी पार्टी (आप) को हाल ही में हुए झारखंड विधानसभा चुनाव में भारी निराशा का सामना करना पड़ा है। यहां चुनाव लड़ने वाले उसके सभी 23 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है। 
झारखंड में आप प्रत्याशियों को नोटा से भी कम मत मिले हैं। झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार ने बताया कि 23 दिसंबर को घोषित विधानसभा चुनाव के नतीजों में आप को सिर्फ 0.23 प्रतिशत मत ही मिल सके जबकि नोटा के खाते में 1.36 प्रतिशत मत मिले। 
आप ने झारखंड चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की तीन सूचियां जारी की थीं, जिनमें कुल 33 उम्मीदवारों के नाम शामिल थे लेकिन दस उम्मीदवारों के नाम विभिन्न वजहों से रद्द हो गए। आप के झारखंड संयोजक जयशंकर चौधरी ने कहा उनकी पार्टी ने कुल 33 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी लेकिन अंततः 23 उम्मीदवार ही विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ सके। 
झारखंड में आप उम्मीदवारों को कुल मिलाकर 50 से 60 हजार मत प्राप्त हुए। टुंडी से आप उम्मीदवार दीपनारायण सिंह को सर्वाधिक 7693 मत प्राप्त हुए। हालांकि, टुंडी विधानसभा क्षेत्र में भी कुल पड़े 1,93,536 मतों का उन्हें सिर्फ 3।98 प्रतिशत मत ही मिले और उनकी जमानत जब्त हो गई। टुंडी से झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार मथुरा प्रसाद महतो ने भाजपा के विक्रम पांडेय को 25659 मतों से हराकर चुनाव जीता। 
महतो ने कुल 72552 मत हासिल किए। रांची विधानसभा सीट से छठी बार राज्य के नगर विकास मंत्री व भाजपा उम्मीदवार सीपी सिंह 79646 मत प्राप्त कर चुनाव जीते। इस सीट पर झामुमो की महुआ माझी दूसरे स्थान पर रहीं। आप उम्मीदवार राजन कुमार सिंह को सिर्फ 834 मत प्राप्त हुए जो कुल पड़े 170276 मतों का सिर्फ 0.49 प्रतिशत था। रांची सीट पर 1845 मतदाताओं ने नोटा बटन दबाया और आप को नोटा के आधे से भी कम मत पड़े। 
आम आदमी पार्टी ने माना कि इन चुनावों में उसे कुछ खास मत नहीं प्राप्त हुए लेकिन विधानसभा चुनाव में लड़ने का मुख्य उद्देश्य अपने कार्यकर्ताओं में गतिशीलता बनाए रखना था, जिससे स्थानीय निकाय के आगामी चुनावों में सभी दलों को अच्छी टक्कर दी जा सके। यह पूछे जाने पर कि आप उम्मीदवारों का प्रचार करने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविन्द केजरीवाल तथा अन्य नेता झारखंड क्यों नहीं आए, चौधरी ने कहा दिल्ली से बड़े नेता यहां नहीं आए क्योंकि अभी राज्य में पार्टी का मजबूत ढांचा नहीं है और दिल्ली में जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते वे वहां ही व्यस्त थे।
झारखंड चुनाव में आप ने रांची, डाल्टनगंज, विश्रामपुर, हुसैनाबाद, भवनाथपुर, जमशेदपुर पश्चिमी, मझगांव, कोडरमा, हटिया, बोकारो, दुमका, गढ़वा, जमशेदपुर पूर्वी, चाईबासा, सिमडेगा, गोड्डा, तमाड़, सिंदरी, हजारीबाग, गिरिडीह, धनबाद विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। आप पहली बार राज्य में 2014 के लोकसभा चुनाव में मैदान में उतरी थी और उस दौरान भी उसके सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। यह पूछे जाने पर कि आप की इन चुनावों में ऐसी स्थिति क्यों हुई, चौधरी ने कहा कि राज्य में भाजपा और विपक्षी गठबंधन के बीच मतों के जबर्दस्त ध्रुवीकरण के कारण ऐसा हुआ। उन्होंने कहा जो भाजपा के समर्थक थे उन्होंने उसे मतदान किया और जो भाजपा को हराना चाहते थे, उन्होंने सीधे गठबंधन को मतदान किया। 

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