
मोबाइल सेवा के लिए न्यूनतम टैरिफ तय होने में छह माह और लगेंगे
मोबाइल सेवाओं के लिए एक न्यूनतम प्राइस तय करने में दूरसंचार नियामक को लगभग छह महीने लग सकते हैं। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) बेस प्राइस पर फैसला करने से पहले ऐसा लेवल चाहता है जहां दूरसंचार कंपनियों की वित्तीय स्थिति मजबूत करने में मदद मिले और उसके कदम को ग्राहकों के विरोध में न माना जाए। भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जियो इंफोकॉम की ओर से दिए गए कॉस्ट डेटा में अंतर होने से भी बेस प्राइस तय करने की प्रक्रिया मुश्किल हुई है। जानकारी के मुताबिक अगर बेस प्राइस तय किया जाता है तो यह जून से पहले होने की संभावना नहीं है। दूरसंचार कंपनियों की मांग को देखते हुए सरकार ने ट्राई से बेस प्राइस तय करने को कहा था। ट्राई ने हाल ही में कंसल्टेशन पेपर जारी कर इस पर स्टेकहोल्डर्स से राय मांगी थी। इसमें यह पूछा गया है कि क्या ऐसी समयसीमा तय करने की जरूरत है और इसका क्या तरीका होना चाहिए। इसके अलावा दूरसंचार कंपनियों से कॉस्ट पर डेटा भी मांगा गया था। दूरसंचार कंपनियों ने हाल ही में टैरिफ बढ़ाए हैं और इस वजह से उन्हें कॉस्ट को लेकर नया डेटा देना होगा। जानकारी के अअनुसार जियो के लिए प्रति यूनिट डेटा (जीबी) और वॉयस (मिनट) की कीमत 10 रुपए, एयरटेल की 16 रुपए और वोडाफोन आइडिया की सबसे अधिक 22 रुपए है। इसमें अंतर अधिक होने के कारण ट्राई के लिए न्यूनतम प्राइस तय करना मुश्किल हो सकता है।