
एलआईसी ने एफवाय 19 के लिए प्रोविजनिंग 30 फीसदी बढ़ाई
वित्तीय संकट की वजह से डूबी अनिल अंबानी की कंपनियों और डीएचएफएल को लोन देने का असर लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एलआईसी) पर दिखने लगा है। एलआईसी ने मार्च में समाप्त हुए वित्त वर्ष के लिए दिक्कत की आशंका वाले एसेट्स के लिए प्रोविजनिंग 30 प्रतिशत बढ़ाकर 23,760 करोड़ रुपए कर दी है। यह बात हाल में जारी की गई बार्षिक रिपोर्ट में बताई। उसने कहा कि एसेट क्वॉलिटी रिव्यू करने और रियल एस्टेट, लोन और दूसरे एसेट्स में निवेश के प्रदर्शन की समीक्षा करने के बाद यह कदम उठाया गया। एलआईसी ने दीवान हाउसिंग फाइनैंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड, इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनैंशल सर्विसेज (डीएचएफएल) और अनिल अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस ग्रुप सहित कई संकटग्रस्त कंपनियों को भारी-भरकम कर्ज दे रखा है। एलआईसी ने वित्त वर्ष 2019 के लिए इससे पहले 18,195 करोड़ रुपए की प्रोविजनिंग की थी। वित्त वर्ष 2019 में उसके ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स 6.15 प्रतिशत पर आ गए थे। वित्त वर्ष 2018 में यह आंकड़ा 6.23 फीसदी था। इसका नेट एनपीए वित्त वर्ष 2018 के 1.82 प्रतिशत से घटकर वित्त वर्ष 2019 में 0.27 फीसदी पर आ गया था। 31 मार्च को एलआईसी का एनपीए 24,777 करोड़ रुपए था, तब तक के आंकड़ों के अनुसार इसने 4 लाख करोड़ रुपए का कर्ज दिया था। इसमें से दिक्कत वाले एसेट्स का आंकड़ा 16,690 करोड़ रुपए, लॉस एसेट्स का 6,772 करोड़ रुपए का था और सब-स्टैंडर्ड एसेट्स का आंकड़ा 1,312 करोड़ रुपए का था। रिस्ट्रक्चरिंग के लिए टोटल लोन एसेट्स जीरो से बढ़कर 401 करोड़ रुपए पर पहुंच गईं। ऐसा कुड बड़ी पावर और इंफ्रास्ट्रक्चर एसेट्स में एलआईसी के एक्सपोजर के कारण हुआ।