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राउटर्स पर आयात ड्यूटी बढ़ने से टेलीकॉम इंडस्ट्री की बढ़ जाएगी लागत

राउटर्स पर आयात ड्यूटी बढ़ने से टेलीकॉम इंडस्ट्री की बढ़ जाएगी लागत

राउटर्स पर आयात ड्यूटी बढ़ने से टेलीकॉम इंडस्ट्री की बढ़ जाएगी लागत 
दूर संचार क्षेत्र की कंपनियों ने वित्त मंत्रालय से स्पष्टतौर पर यह खुलासा करने को कहा है कि राउटर्स पर अगले साल से इंपोर्ट ड्यूटी लगेगी या नहीं इसे बताएं। टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि राउटर्स पर इंपोर्ट ड्यूटी लगने से 4जी नेटवर्क बढ़ाने की कॉस्ट बढ़ जाएगी और 5जी नेटवर्क शुरू करने पर असर पड़ेगा। इससे वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों का उल्लंघन होने की भी आशंका है। मोबाइल और आईटी नेटवर्क्स में इस्तेमाल होने वाले राउटर पर अभी कोई कस्टम्स ड्यूटी नहीं लगती। यह डब्ल्यूटीओ के इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एग्रीमेंट के तहत उन लगभग 200 आइटम में शामिल है जिन पर भारत सहित कई देशों ने कस्टम्स ड्यूटी समाप्त करने का वादा किया है। हालांकि, सरकार ने राउटर्स को फाइनेंस एक्ट, 2019 के तहत अलग कैटेगरी में रखा है और सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स ने नई शर्तों को जनवरी से लागू करना तय किया है।
सिस्को सिस्टम्स और जुनिपर नेटवर्क्स जैसी ग्लोबल वेंडर्स से राउटर्स का बल्क में इम्पोर्ट करने वाली टेलीकॉम कंपनियों ने वित्त मंत्रालय को अपनी आशंकाओं की जानकारी दी है। नए रूल्स में राउटर्स का ड्यूटी फ्री इम्पोर्ट जारी रखने के लिए कोड नहीं बताए गए हैं। इससे विदेशी सप्लायर्स से राउटर्स खरीदना महंगा हो सकता है। सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के डायरेक्टर जनरल राजन मैथ्यूज ने कहा कि राउटर जैसे टेक प्रॉडक्ट्स पर बेसिक कस्टम्स ड्यूटी बढ़ने से 4जी नेटवर्क के एक्सपैंशन पर असर पड़ सकता है और 5जी के लिए इकोसिस्टम तैयार करने की कॉस्ट बढ़ सकती है। इससे यूजर्स के लिए मोबाइल ब्रॉडबैंड सर्विसेज महंगी हो सकती हैं।
मैथ्यूज ने रेवेन्यू सेक्रेटरी अजय भूषण पांडे को लिखे एक पत्र में कहा है कि डब्ल्यूटीओ के इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एग्रीमेंट का पालन किया जाना चाहिए। सभी प्रकार के राउटर्स को ड्यूटी से छूट मिलनी चाहिए। राउटर्स पर ड्यूटी बढ़ाने के कदम से टेलीकॉम कंपनियों पर नकारात्मक असर पड़ेगा। इंडस्ट्री के एक टॉप एग्जिक्यूटिव ने बताया कि टेलीकॉम कंपनियों और नेटवर्क इक्विपमेंट वेंडर्स ने वित्त मंत्रालय से स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने एक वर्ष पहले कहा था कि लोकल डिजाइन और प्रॉडक्शन को बढ़ावा देने के लिए टेलीकॉम प्रॉडक्ट्स पर इम्पोर्ट ड्यूटी लगनी चाहिए। टेलीकॉम कंपनियों की ओर से लगभग 6 अरब डॉलर के नेटवर्क इक्विपमेंट का वार्षिक इम्पोर्ट किया जाता है। यह इम्पोर्ट एरिक्सन, नोकिया, हुआवे, सिस्को, ZTE और जूनिपर नेटवर्क्स जैसी ग्लोबल टेलीकॉम इक्विपमेंट कंपनियों से किया जाता है।

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