
2020 में 45 हजार रुपए तक पहुंच सकता है सोना
भू-राजनीतिक परिस्थितियों, आर्थिक चिंताओं और रुपये में अस्थिरता की वजह से 2020 में 10 ग्राम सोने की कीमत 45 हजार रुपये तक पहुंच सकती है। सरकार की कई नीतियों और शेयर बाजार में तेजी की वजह से 2019 में सोने की कीमत में उतार-चढ़ाव होता रहा, हालांकि दूसरी छमाही में कीमत काफी बढ़ी है। 2019 में सोने की सर्वाधिक कीमत 39,900 रुपये प्रति 10 ग्राम रही। वल्र्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के मुताबिक रिजर्व बैंक सहित 14 केंद्रीय बैंकों ने कथित तौर एक टन से अधिक सोना अपने रिजर्व में बढ़ाया है। कोमट्रेन्ज रिसर्च के डायरेक्टर जी थियागराजन ने कहा, हमारा मानना है कि 2020 में भू-राजनैतिक घटनाओं की वजह से निवेशकों की चिंताएं बढ़ेंगी। कई मौजूदा दिक्कतें दूर होने की जगह बढ़ सकती हैं। दुनियाभर में ब्याज दरों के नीचे रहने से शेयरों की कीमत ऊंची होगी। इसलिए हमारा मानना है कि लोग सोने जैसे सुरक्षित असेट में निवेश करेंगे। अमेरिका-चीन व्यापार झटकों से लेकर मध्य पूर्व में भू-राजनैतिक घटनाएं वैश्विक बाजार को प्रभावित करेंगी। इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव पर भी नजरें रहेंगी। उन्होंने कहा कि एमसीएक्स पर मीडियम टर्म टारगेट करीब 41,000-41,500 रुपये प्रति 10 ग्राम है। वैश्विक स्तर पर यदि कुछ ऐसी घटनाएं हुईं जो जोखिम क्षमता को कमजोर करेगी तो सोने की कीमत 44,500-45,000 रुपये तक जा सकती है।
कई देश कर रहे सोने की खरीदारी
उन्होंने कहा कि अमेरिका और यूरोप में ईटीएफ मांग और दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों द्वारा खरीदारी मजबूत बनी रहेगी। उनके मुताबिक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया 2019 में सोने के मुख्य खरीदारों में रहा और अपने रिजर्व में 60 टन की वृद्धि की। अब तक चीन और रूस सोने के सबसे बड़े खरीदार रहे हैं। भारत के अलावा इस दौड़ में तुर्की, पोलेंड, कजाखिस्तान भी शामिल हो चुके हैं।
साल की शुरुआत में 31-32 हजार पर था सोना
इस साल की शुरुआत तक सोना उपभोक्ताओं के लिए अधिक आकर्षक था जब इसकी कीमत 31,500 से 32 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास थी। हालांकि, जून में कीमत बढऩे के साथ मांग में कमी आने लगी। रुपये की कमजोरी और सरकार द्वारा कस्टम ड्यूटी बढ़ाने से घरेलू बाजार में यह और भी महंगा हो गया। सोने की कीमत 39,900 के स्तर तक पहुंच गई।