
50 करोड़ का कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए रुपे-यीपीआई से लेनदेन हुआ जरूरी
-चूक पर 1 फरवरी से रोजाना देना होगा 5 हजार का जुर्माना वित्त मंत्रालय की तरफ से रुपे कार्ड और यूपीआई ट्रांजैक्शन को लेकर अधिसूचना जारी की गई है, जिसके अंतर्गत अब 1 जनवरी से इससे भुगतान करने पर एमडीआर (मर्चेंट डिस्काउंट रेट) चार्ज नहीं लगेगा। अधिसूचना के मुताबिक, अगर किसी बिजनेस का सालाना टर्नओवर 50 करोड़ से ज्यादा है तो उसे पेमेंट के ये दो ऑप्शन जरूर रखने होंगे। अगर कंपनियां 31 जनवरी तक इस सुविधा की शुरुआत नहीं कर पाती हैं तो 1 फरवरी से रोजाना 5,000 रुपये जुर्माना देना होगा।
एमडीआर चार्ज एक ग्राहक जब दुकानदार पीओएस टर्मिनल से अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड को स्वाइप करता है तो मर्चेंट को अपने सर्विस प्रोवाइडर को एक शुल्क का भुगतान करना पड़ता है, जिसे एमडीआर शुल्क कहते हैं। क्यूआर कोड आधारित ऑनलाइन लेनदेन पर भी इस शुल्क को देना पड़ता है। हर ट्रांजैक्शन पर मर्चेंट जो भुगतान करता है, वह तीन स्टेक होल्डर्स, लेनदेन की सुविधा देने वाले बैंक, पीओएस मशीन लगाने वाले वेंडर तथा वीजा या मास्टरकार्ड जैसे कार्ड नेटवर्क प्रोवाइडर्स के बीच बंटता है। क्रेडिट कार्ड पर एमडीआर शुल्क शून्य से लेकर ट्रांजैक्शन अमाउंट का 2 फीसदी तक हो सकता है। इसके अलावा वित्त मंत्रालय ने एक बार फिर से पैन-आधार लिंक करने की आखिरी तारीख बढ़ा दी है। पैन-आधार लिंक करने की आज आखिरी तारीख थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 31 मार्च तक कर दिया गया है।