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उत्पादन में बड़ी गिरावट के बावजूद भी चीनी की कीमतें रही स्थिर

उत्पादन में बड़ी गिरावट के बावजूद भी चीनी की कीमतें रही स्थिर

उत्पादन में बड़ी गिरावट के बावजूद भी चीनी की कीमतें रही स्थिर
इस बार चीनी उत्पादन में बड़ी गिरावट दर्ज की गई लेकिन इसके बाद भी इसके दामों में कोई परिवर्तन नहीं आया है। साथ ही राज्य सरकारों ने भरोसा दिलाया है कि जब तक केंद्र की ओर से दाम बढ़ाने के संकेत नहीं मिलते हैं, कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। चीनी मिल संगठन (एस्मा) ने गुरुवार को बताया कि एक्स मिल कीमतें स्थिर रहने से मिलों को भी गन्ना किसानों को समय पर भुगतान करने में सहूलियत हो रही है। एस्मा के अनुसार, चालू विपणन वर्ष (अक्तूबर 2019-सितंबर 2020) की पहली तिमाही में देशभर में चीनी का उत्पादन 30.22 फीसदी कम रहा और 77.9 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ। इस दौरान चीनी के निर्यात में गति बनी रही और एक्स मिल कीमतों में कोई बदलाव नहीं आया। मिलों के पास अतिरिक्त पूंजी आने से गन्ना किसानों को भी समय पर बकाया भुगतान मिल पा रहा है। एस्मा ने कहा कि मिलें निर्यात कोटे के तहत 25 लाख टन चीनी भेजने की तैयारी में है।
चीनी मिल संगठन के अनुसार, उत्तर भारत में चीनी की एक्स-मिल कीमत 3,250-3,350 रुपए प्रति क्विंटल है। वहीं, दक्षिण भारत में यह 3,100-3,250 रुपए प्रति क्विंटल बिक रही है। केंद्र सरकार जब तक 2019-20 के लिए उचित पारिश्रमिक मूल्य में इजाफा नहीं करती है, तब तक उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब जैसे राज्य स्टेट एडवाइस्ड प्राइस में बढ़ोतरी नहीं करेंगे। अभी चीनी मिलें किसानों का बकाया समय पर भुगतान करने की बेहतर स्थिति में हैं। अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में देश का चीनी उत्पादन 2018-19 के 1.17 करोड़ टन से घटकर 77.9 लाख टन पर आ गया है। एस्मा ने अनुमान जताया है कि इस साल चीनी का कुल उत्पादन 2.6 करोड़ टन रह सकता है, जबकि एक साल पहले 3.31 करोड़ टन चीनी का उत्पादन हुआ था। हालांकि, मौजूदा गिरावट के बाद एस्मा उत्पादन के आंकड़ों को संशोधित करने की तैयारी में है। उसका अंदाजा है कि जिस तरह पहली तिमाही में उत्पादन कम रहा, उससे पूरे साल में पूर्व के अनुमान से ज्यादा कमी आ सकती है।

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