
एपीडा के पोर्टल पर 800 एफपीओ पंजीकृत
निर्यात को दोगुना करने और किसानों की आय को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पिछले वर्ष कृषि निर्यात नीति की घोषणा की गई थी। इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) कृषि निर्यात नीति (एईपी) के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु राज्य सरकारों की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एक केंद्रित दृष्टिकोण अपना रहा है। पूरे वर्ष में एपीडा ने राज्य कार्य योजना की तैयारी के लिए राज्य सरकार के अधिकारियों और अन्य हितधारकों के साथ बैठकों की एक श्रृंखला आयोजित की, जिसमें उत्पादन क्लस्टर, क्षमता निर्माण, बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक्स और अनुसंधान एवं विकास और बजट आवश्यकताओं के कार्यान्वयन के लिए बजट आवश्यकताओं जैसे सभी अनिवार्य घटक शामिल थे। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, पशुपालन और डेयरी विभाग, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय और समनुरूप मंत्रालयों के तहत अन्य एजेंसियों के साथ निर्यात बढ़ाने के लिए रणनीति तैयार करने हेतु इनपुट मांगने और व्यापार में मौजूदा अड़चनों को दूर करने के लिए कई दौर की चर्चा हुई है।
- 8 राज्यों में कृषि उत्पाद क्लस्टर स्थापित
कई राज्यों ने नोडल एजेंसी और नोडल अधिकारी को नामित किया है। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, केरल, नागालैंड, तमिलनाडु, असम, पंजाब और कर्नाटक ने राज्य कार्य योजना को अंतिम रूप दे दिया है और अन्य राज्य कार्य योजना को अंतिम रूप देने के विभिन्न चरणों में हैं। कई राज्यों में राज्य स्तरीय निगरानी समितियों का गठन किया गया है। एपीडा के नोडल अधिकारियों द्वारा जालंधर (आलू), जोधपुर (इसबगोल), बनासकांठा (डेयरी उत्पाद), सांगली (अंगूर), सोलापुर (अनार), नागपुर (नारंगी), चित्तूर (मैंगो), थेनी (केला), सलेम (पोल्ट्री उत्पाद), इंदौर (प्याज) और चिक्काबल्लापुर (गुलाब प्याज) उत्पाद समूहों के क्लस्टर का दौरा किया गया है। एईपी के तहत अधिसूचित क्लस्टर में क्लस्टर विकास के लिए रोडमैप तैयार किया गया जिससे कि क्लस्टर यात्राओं के दौरान चिन्ह्ति समस्याओं का समाधान किया जा सके। एपीडा द्वारा क्लस्टर यात्राओं के परिणामस्वरूप, राज्यों में क्लस्टर स्तरीय समिति अर्थात पंजाब में आलू, राजस्थान में इसबगोल, महाराष्ट्र में अनार, संतरा और अंगूर और तमिलनाडु में केला समिति का गठन किया गया है।