
बीमार बैंकों को नीलाम करेगी आरबीआई!
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) खराब वित्तीय संकट का सामना कर रहे निजी क्षेत्र के बैंकों को नीलाम करने की योजना बना रहा है। केंद्रीय बैंक त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) के तहत सरकारी और निजी बैंकों के लिए अलग-अलग नियामकीय व्यवस्था अपनाना चाहता है। निजी बैंकों की नीलामी इसी योजना का हिस्सा है। आरबीआई का कहना है कि बैंक नियामक पीसीए में शामिल निजी बैंकों के लिए को जल्दी से जल्दी इससे बाहर निकालने की व्यवस्था बनाने पर विचार कर रहा है। इसी के तहत बैंकों की नीलामी की संभावना तलाशी जा रहा है। जानकारी के मुताबिक निजी बैंक हमेशा के लिए पीसीए ढांचे में नहीं रह सकते हैं। अगर प्रवर्तक लंबे समय तक बैंक को व्यवस्थित करने में असफल रहते हैं तो आरबीआई ऐसे बैंकों की परिसंपत्तियों, देनदारियों और परिचालन को नीलाम कर सकता है। इसके लिए एक योजना तैयार की जा रही है। अब तक आरबीआई ने विलय के जरिये निजी बैंकों की खराब वित्तीय स्थिति को दुरुस्त करने के लिए हस्तक्षेप किया है। आरबीआई ने आखिरी बार सितंबर, 2006 में ऐसा हस्तक्षेप किया था। यूनाइटेड वेस्टर्न बैंक (यूडब्ल्यूबी) के बदतर पूंजी आधार के कारण केंद्रीय बैंक ने उस पर रोक लगा दी थी। इसके बाद 17 संस्थाओं ने इसमें दिलचस्पी दिखाई थी और आरबीआई ने यूडब्ल्यूबी के कामकाज पर एक महीने की पाबंदी लगाने के बाद उसका आईडीबीआई में विलय करने का फैसला किया था।