
कैबिनेट ने दी निलाचल इस्पात को बेचने की मंजूरी
बुधवार को कैबिनेट की हुई बैठक में दो बड़े फैसले हुए हैं। कैबिनेट ने निलाचल इस्पात निगम लिमिटेड को बेचने की मंजूरी दे दी है। निलाचल इस्पात में सरकार अपनी पूरी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी। इसके अलावा कैबिनेट ने कोल माइनिंग में कमर्शियल माइनिंग का रास्ता साफ कर दिया गया है। इसके लिए एमएमडीआर एक्ट में बदलाव करने का फैसला किया गया है। इसके लिए कैबिनेट ने अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट ने निलाचल इस्पात निगम लिमिटेड को बेचने की मंजूरी दी है। निलाचल इस्पात में सरकार अपनी पूरी 100 हिस्सेदारी बेचेगी। इस कंपनी का खास बात ये है कि निलाचल इस्पात में एमएमटीसी की हिस्सेदारी 49.08 फीसदी, एनएमडीसी की हिस्सेदारी 10.10 फीसदी, मेकॉन और भेल की हिस्सेदारी 0.68 फीसदी है।
2018-19 में इस कंपनी का ग्रोथ 126 फीसदी रहा है। इसकी उत्पादन क्षमता 1.1 मिलियन टन है। सरकार को लगता है कि कंपनी बेचने से अच्छी खासी रकम जुटाई जा सकेगी। इसके लिए एडवाइजर नियुक्त करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। सरकार ने कोल सेक्टर के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के मुताबिक जितने भी कोल माइनिंग की नीलामी की जाएगी, उस नीलामी में वे कंपनियां भी हिस्सा ले सकेंगी जो स्टील सेक्टर और पावर सेक्टर में न हों या सिर्फ माइनिंग करने का काम करती हो। सरकार ने कमर्शियल कोल माइनिंग की राहत अंतिम रोड़े को हटाने का फैसला लिया है। इसके लिए सरकार एमएमडीआर अधिनियम में बदलाव करेगी। बदलाव अध्यादेश के जरिए किया जाएगा। इसका मतलब आज कैबिनेट ने जो फैसला लिया उसके मुताबिक देश शाम या कल तक इस अध्यादेश को राष्ट्रपति से मंजूरी मिलेगी और 24 घंटे के भीतर ये सारे बदलाव लागू हो जाएंगे। सरकार ने इस पहले चरण का कोल ब्लॉक की ही नीलामी की है। अगले दिनों में नीलाम होने वाले कोल ब्लकों में ये प्रस्ताव लागू हो जाएंगे।