
एसबीआई ने शुरु की इलेक्टोरल बॉण्ड की बिक्री
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) सोमवार से फिर से इलेक्टोरल बॉन्ड की बिक्री शुरू कर कर रहा है। यह बिक्री 13 से 22 जनवरी तक की जाएगी। यह एक ऐसा बॉन्ड है जिसके द्वारा उद्योगपति से लेकर आम आदमी तक पारदर्शी तरीके से किसी राजनीतिक दल को चंदा दे सकते हैं। अब तक इस बॉन्ड के माध्यम से ज्यादातर चंदा भाजपा को मिला है। राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में पारदर्शिता लाने के दावे के साथ सरकार ने साल 2018 में इसे लॉन्च किया था। वित्त मंत्रालय ने दिल्ली चुनाव से पहले इस बारे में जो नोटिफिकेशन जारी किया है, उसके मुताबिक इस बार 13 से 22 जनवरी तक एसबीआई इलेक्टोरल बॉन्ड की बिक्री करेगा और इस अवधि के दौरान ही राजनीतिक दल इसे भुना पाएंगे। साल 2018 में इलेक्टोरल बॉन्ड लॉन्च करने के बाद यह अब तक इसकी 13वीं खेप होगी। सरकार ने इस दावे के साथ साल 2018 में इस बॉन्ड की शुरुआत की थी कि इससे राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता बढ़ेगी और साफ-सुथरा धन आएगा।
इसमें व्यक्ति, कॉरपोरेट और संस्थाएं बॉन्ड खरीदकर राजनीतिक दलों को चंदे के रूप में देती हैं और राजनीतिक दल इस बॉन्ड को बैंक में भुनाकर रकम हासिल करते हैं। इलेक्टोरल बॉन्ड एसबीआई की 29 अधिकृत शाखाओं द्वारा बेचे जाते हैं। इसके द्वारा सिर्फ रजिस्टर्ड राजनीतिक दलों को चंदा दिया जा सकता है।
भारतीय स्टेट बैंक की 29 शाखाओं को इलेक्टोरल बॉन्ड जारी करने और उसे भुनाने के लिए अधिकृत किया गया है।
ये शाखाएं नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, गांधीनगर, चंडीगढ़, पटना, रांची, गुवाहाटी, भोपाल, जयपुर और बेंगलुरु की हैं। 12वें चरण तक के आंकड़ों के मुताबिक इलेक्टोरल बॉन्ड का सबसे ज्यादा 30.67 फीसदी हिस्सा मुंबई में बेचा गया। इनका सबसे ज्यादा 80.50 फीसदी हिस्सा दिल्ली में भुनाया गया। कोई भी डोनर अपनी पहचान छुपाते हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से एक करोड़ रुपए तक मूल्य के इलेक्टोरल बॉन्ड्स खरीद कर अपनी पसंद के राजनीतिक दल को चंदे के रूप में दे सकता है। यह व्यवस्था दानकर्ताओं की पहचान नहीं खोलती और इसे टैक्स से भी छूट प्राप्त है।