
टैक्स कलेक्शन 2.5 लाख करोड़ कम रहने का अनुमान
आयकर स्लैब में बदलाव को लेकर बढ़ती सुगबुगाहट के बीच पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने अनुमान जताया कि चालू वित्त वर्ष में सरकार का कर संग्रह निर्धारित लक्ष्य से करीब ढाई लाख करोड़ रुपए कम रह सकता है। यह देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 1.2 प्रतिशत के बराबर है। उन्होंने ब्लॉग में कहा कि अब समय आ गया है कि लाभांश वितरण कर को समाप्त कर दिया जाए और व्यक्तिगत आयकर कानून में सुधार लाना चाहिए। पूर्व वित्त सचिव ने कहा कि आयकर के मामले में करीब आठ स्लैब हैं जिनमें सबसे ऊंची कर की दर 40 प्रतिशत से भी अधिक है। उन्होंने आयकर कर ढांचे में सुधार पर जोर देते हुए कहा कि पांच लाख रुपए सालाना तक की कर योग्य आय पर कोई कर नहीं होना चाहिये। पांच से दस लाख रुपए की आय पर पांच प्रतिशत, 10 से 25 लाख पर 15 प्रतिशत, 25 से 50 लाख रुपए की वार्षिक आय पर 25 प्रतिशत और 50 लाख रुपए से अधिक की आय पर 35 प्रतिशत की दर से आयकर होना चाहिए। इस तरह का व्यक्तिगत आयकर ढांचा काफी सरल और उचित ढांचा होगा। इस तरह के कर ढांचे में कोई भी उपकर और अधिभार नहीं होना चाहिये। ऐसे कर ढांचे का करदाताओं के बीच स्वागत होगा। इस आयकर ढांचे का राज्य भी स्वागत करेंगे और उनकी शिकायत भी दूर होगी। इससे राजस्व प्राप्ति पर भी ज्यादा बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा।