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 एनपीए के मामले में दुनिया की 10 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत पहले नंबर पर

 एनपीए के मामले में दुनिया की 10 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत पहले नंबर पर

 एनपीए के मामले में दुनिया की 10 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत पहले नंबर पर
 नॉन-परफार‎मिंग एसेट (एनपीए) यानी बैड लोन के मामले में विश्व की 10 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत पहले स्थान पर है। दूसरे स्थान पर इटली है। दिसम्बर 2018 तक इटली का बैड लोन अनुपात 8.5 फीसदी था। मार्च 2019 तक 3.1 फीसदी के अनुपात के साथ ब्राजील बैड लोन की सूची में तीसरे स्थान पर था। वहीं दुनिया की शीर्ष 10 अर्थव्यवस्थाओं में बैड लोन के मामले में कनाडा को सबसे साफ-सुथरा देश माना जाता है। कनाडा में बैड लोन का अनुपात माहज 0.4 फीसदी है। आंकड़ों के अनुसार चीन में मार्च 2019 तक बैड लोन अनुपात 1.8 फीसदी था जबकि भारत में यह अनुपात 9.3 फीसदी रहा है। भारत का करीब 11.46 लाख करोड़ रुपए बैड लोन में फंसा हुआ है। वहीं चीन का इससे 3 गुना कम (करीब 3.79 लाख करोड़ रुपया) ही बैड लोन में फंसा हुआ है। अत: पड़ोसी देश चीन से भारत बैड लोन अनुपात के मुकाबले में कहीं ज्यादा पिछड़ा हुआ है। हाल ही में बैंकों के एनपीए को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भी आगाह किया था। आरबीआई ने कहा कि सितम्बर 2020 तक बैंकों का सकल एनपीए अनुपात बढ़कर 9.9 फीसदी हो सकता है, जो सितम्बर 2019 में 9.3 फीसदी के स्तर पर था। आरबीआई ने अपनी वित्तीय स्थायित्व रिपोर्ट (एफएसआर) में यह बात कही। रिपोर्ट के मुताबिक सितम्बर 2020 तक सरकारी बैंकों का सकल एनपीए बढ़कर 13.2 फीसदी हो सकता है, जो सितम्बर 2019 में 12.7 फीसदी था। वहीं इसी अवधि के दौरान निजी बैंकों का सकल एनपीए 3.9 फीसदी से बढ़कर 4.2 फीसदी तक पहुंच सकता है। विदेशी बैंकों का सकल एनपीए 2.9 फीसदी से बढ़कर 3.1 फीसदी हो सकता है।

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