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आयात पर रोक के बाद भारतीय बंदरगाहों पर हजारों टन रिफाइंड पाम ऑइल के कार्गों फंसे 

आयात पर रोक के बाद भारतीय बंदरगाहों पर हजारों टन रिफाइंड पाम ऑइल के कार्गों फंसे 

आयात पर रोक के बाद भारतीय बंदरगाहों पर हजारों टन रिफाइंड पाम ऑइल के कार्गों फंसे 
 जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को लेकर मलयेशिया के प्रधानमंत्री मोहम्मद महातिर के विरोधी बयान पर भारत ने सख्त रुख अपनाते हुए पाम ऑइल के आयात पर भारत ने प्रतिबंध लगा दिया जिसके बाद भारतीय बंदरगाहों पर इस पाम ऑयल के कई कार्गो फंसे हुए हैं। बता दें कि भारत पाम ऑइल का दुनिया का सबसे बड़ा आयातक है और मलयेशिया इसका प्रमुख सप्लायर है। भारत ने 8 जनवरी को यह कहते हुए रिफाइंड पाम ऑइल के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था कि इससे घरेलू रिफाइनरों को राहत मिलेगी। पिछले कई सालों से भारत बड़े पैमाने पर पाम ऑइल का आयात करता रहा है जिसका इस्तेमाल साबुन बनाने से लेकर कूकीज तक में होता है। मलयेशिया पाम ऑइल का दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है। भारत मलयेशियाई पाम ऑइल के लिए पिछले 5 सालों से सबसे बड़ा बाजार रहा है। दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव के बाद पिछले हफ्ते शुक्रवार को फ्यूचर मार्केट में बेंचमार्क मलयेशियाई पाम ऑइल का दाम 10 प्रतिशत गिर गया जो 11 साल की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट है।
मुंबई के एक वेजिटेबल ऑइल डीलर ने कंपनी पॉलिसी का हवाला देते हुए नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया, 'तमाम बंदरगाहों (भारतीय) पर 30,000 टन से ज्यादा पाम ऑइल फंसा हुआ है। इन सभी कार्गोज को पाम ऑइल के आयात पर प्रतिबंध की घोषणा से पहले लोड किया गया था।' उसने आगे बताया, 'आम तौर पर कस्टम अधिकारी ऐसे सामानों को उतारने की इजाजत दे देते हैं, जो नियमों में किसी तरह के बदलाव होने से पहले ही रवाना हो चुके होते हैं। लेकिन रिफाइंड पाम ऑइल के मामले में कुछ कन्फ्यूजन है और इस वजह से देरी हो रही है।'
मामले की सीधे जानकारी रखने वाले नई दिल्ली स्थित एक सूत्र ने बताया कि प्रतिबंधों का मतलब है कि आयातकों को अब खरीदारी के लिए लाइसेंस की जरूरत है। एक और वेजिटेबल ऑइल आयातकर्ता ने बताया कि कोलकाता पोर्ट पर भी कुछ कार्गो फंसे हुए हैं। वेस्ट कोस्ट में मंगलोर पोर्ट पर पाम ऑइल को तो उतरने दिया गया लेकिन रिफाइंड ऑइल को नहीं उतरने दिया गया। दूसरी तरफ मलयेशिया के साइल डार्बी प्लांटेशन ने कहा है कि भारतीय बंदरगाहों पर उसका पाम ऑइल नहीं फंसा है। साइल डार्बी आकार के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा पाम ऑइल संयंत्र है। कंपनी ने पिछले साल भारत और इंडोनेशिया को 4 लाख 36 हजार टन से ज्यादा के पाम ऑइल का निर्यात किया था। 

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