
जीएसटी पोर्टल में आई तकनीकी परेशानी, हजारों करदाता 3बी फाइलिंग से चूके
वस्तु सेवा कर (जीएसटी) नेटवर्क में तकनीकी रुकावट के चलते करदाताओं को एक बार फिर परेशानी से जूझना पड़ा है। सोमवार को दिसंबर महीने के रिटर्न जीएसटीआर-3बी की आखिरी तारीख पर ही जीएसटी पोर्टल में एरर और स्लोडाउन के चलते हजारों टैक्सपेयर फाइलिंग से चूक गए। इसी महीने से लागू रिटर्न के स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के बाद से यह पहला रिटर्न था और अब ट्रेड-इंडस्ट्री की ओर से सवाल उठाए जा रहे हैं कि सिस्टम ठप होने के चलते रिटर्न में होने वाली देरी पर सरकार की जवाबदेही और देनदारी क्यों नहीं तय होनी चाहिए।
सोमवार दोपहर से टैक्सपेयर्स और प्रोफेशनल्स की शिकायतें आने लगी थीं कि जीएसटी पोर्टल पर ओटीपी जेनरेट नहीं हो रहा है। जीएसटीआर-1 में समरी जेनरेट होने में भी दिक्कतें आ रही थीं और बार-बार सेव डेटा अलर्ट आ रहा था। देर शाम तक बहुत कम रिटर्न फाइल हो सके थे। जीएसटी कंसल्टेंट सुधीर हालाखंडी ने बताया कि यह हर महीने की गंभीर समस्या होती जा रही है। उन्होंने कहा कि डीलर्स टैक्स जमा करा रहे हैं, रिटर्न फाइल करना चाहते हैं, लेकिन ओटीपी नहीं आ रहा और साइट ठप होने की कगार पर है। हालाखंडी ने कहा कि सरकार कहती है कि तकनीकी दिक्कतें दूर कर ली गई हैं, लेकिन ऐन मौके पर फिर सिस्टम ठप हो जाता है।
सीए चिराग चौहान ने कहा कि साइट में लगातार तकनीकी दिक्कतें चिंताजनक है और यह हैरानी की बात है कि अभी तक जीएसटी काउंसिल या सीबीआईसी ने डेट बढ़ाने की घोषणा क्यों नहीं की। जीएसटीआर-3बी में रिवीजन का प्रावधान नहीं होने के चलते भी टैक्सपेयर्स सावधानी बरत रहे हैं और उन्हें आशंका सता रही है कि कहीं अधूरा रिटर्न या कोई गलती न चली जाए। जानकारों का यह भी कहना है कि जीएसटीआर-3बी में एक-दो दिन की देरी से मामूली लेट फीस देकर ही पीछा नहीं छूटता, बल्कि सेक्शन 50 की मार भी पड़ती है। इनपुट टैक्स क्रेडिट उसी दिन से मिलता है, जिस दिन 3बी फाइल होगी। देरी पर प्रतिदिन के हिसाब से आईटीसी पर ब्याज भी देना पड़ेगा।