
बजट में डिविडेंड को इनकम में जोड़ने की घोषणा कर सकती है सरकार
सरकार एक फरवरी को पेश होने वाले बजट में डिविडेंड को इनकम में जोड़ने की घोषणा कर सकती है। यानी कि डिविडेंड को कुल इनकम का हिस्सा माना जा सकता है। इसके एवज में सरकार कंपनियों को राहत देते हुए डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (डीडीटी) को समाप्त कर सकती है। जानकारी के मुताबिक इस बार के बजट में शेयर बाजार से जुड़े कई अहम फैसलों की घोषणा हो सकती है। इनमें डीडीटी को हटाना शामिल हो सकता है। अभी डिविडेंड पर टैक्स चुकाने की जिम्मेदारी कंपनी पर होती है। डिविडेंड पर 20.55 फीसदी डीडीटी लगता है, इसमें सरचार्ज और एजुकेशन सेस शामिल होता है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि सरकार शेयरधारकों को मिलने वाले डिविडेंड को उनकी आमदनी से जोड़ सकती है। हालांकि इसमें 20 फीसदी का स्टैंडर्ड डिडक्शन दिया जा सकता है। उदाहरण के लिए, अगर किसी को एक लाख रुपए का डिविडेंड मिला है तो उसे 20 फीसदी स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा। बाकी के 80,000 रुपए उसकी आदमनी में जोड़े जाएंगे जिस पर इनकम टैक्स देना हेगा। टैक्स विशेषज्ञ सुशील अग्रवाल का कहना है कि अगर ऐसा हुआ तो यह एक अच्छी स्थिति होगी। इससे सरकार को फायदा होगा और शेयरधारकों को अधिक डिविडेंड मिलेगा। डीडीटी लगने के कारण कंपनियों को पहले ही कुल राशि का 20 फीसदी टैक्स के तौर पर रखना पड़ता था। अगर डीडीटी हट गया तो वे पूरी राशि को डिविडेंड के तौर पर दे सकेंगी। इससे शेयरधारकों को पहले की तुलना में अधिक डिविडेंड मिलेगा। यह उनकी आदमनी में जुड़ जाएगा, लेकिन इसका असर निचले टैक्स स्लैब में आने वालों पर ज्यादा नहीं होगा। इनकम टैक्स के 30 फीसदी स्लैब में आने वालों को इससे कुछ नुकसान होगा।