
हमेशा चर्चाओं में रहे है ओखला के विधायक अमानतुल्ला खान
आम आदमी पार्टी (आप) के सबसे विवादित चेहरों में से एक हैं ओखला के विधायक अमानतुल्ला खान, जो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की टीम के महत्वपूर्ण सदस्य माने जाते हैं। अमानतुल्ला आम आदमी पार्टी के मुस्लिम चेहरा भी माने जाते हैं। इनको सियासी बुलंदी तब मिली जब उन्होंने 2013 के विधानसभा चुनावों के बाद केजरीवाल का हाथ थामा। इससे पहले तक अमानतुल्ला तीन हजार से ज्यादा वोट कभी हासिल नहीं कर सके थे।
अमानतुल्ला का जन्म 10 जनवरी, 1974 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में अघवन पुर गांव में हुआ था। अमानतुल्ला खान ने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई के बाद दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में बीए कोर्स में दाखिला लिया था, लेकिन वह अपना स्नातक पाठ्यक्रम पूरा नहीं कर पाए। अमानतुल्ला का एंब्रॉयडरी का बिजनेस भी है जिसमें कुर्तों और साड़ियों पर कढ़ाई की जाती है। 2015 के विधानसभा चुनावों में अमानतुल्ला खान पहली बार विधायक बने हैं। उन्होंने दिल्ली की मौजूदा छठी विधानसभा में ओखला सीट से बीजेपी के ब्रह्म सिंह को 64 हजार 532 वोटों के भारी अंतर से हरा दिया था। अमानतुल्ला ने वर्ष 2013 में पांचवीं विधानसभा के लिए भी चुनाव लड़ा था। उस वक्त वह लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे थे और उन्हें कुल 3,600 वोट हासिल हुए थे। दिसंबर 2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों और सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणियों की वजह से भी अमानतुल्ला की काफी किरकिरी हुई है। उनकी एक ऐसी ही टिप्पणी की वजह से ओखला से विधायक अमानतुल्ला के खिलाफ गाजियाबाद के एक युवक ने केस भी दर्ज कराया था। नवंबर 2018 में अमानतुल्ला पर भाजपा सांसद मनोज तिवारी के साथ बदसलूकी करने का आरोप लगा था। यह घटना उस वक्त घटी थी जब दिल्ली के सिग्नेचर ब्रिज उद्घाटन समारोह में मनोज तिवारी बिना निमंत्रण पहुंच गए थे। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया था जिसमें अमानतुल्ला मनोज तिवारी को धक्का देते हुए नजर आ रहे थे। इससे पहले फरवरी 2018 में अमानतुल्ला खान ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ बदसलूकी की थी। इस मामले में उनके खिलाफ मामला भी दर्ज किया था। मई 2017 में पार्टी के संस्थापक सदस्य कुमार विश्वास को अमानतुल्ला ने बैठक के दौरान 'बीजेपी का एजेंट' तक कह डाला था। इस घटना के बाद कुमार विश्वास काफी नाराज हो गए थे। इसके बाद अमानतुल्ला खान की पार्टी सदस्यता भी निलंबित कर दी गई थी। लेकिन अक्टूबर 2017 के अंत में पार्टी में उनकी वापसी हो गई थी। अप्रैल 2017 में दिल्ली के स्थानीय निकाय चुनाव के दौरान अमानतुल्लाह खान ने कांग्रेस समर्थकों पर उन पर हमला करने का आरोप लगाया था। सितंबर 2016 में एक अन्य मामले में अमानतुल्ला खान के साली की बीवी ने उन पर छेड़खानी का मुकदमा दर्ज कराया था, जिसके बाद अमानतुल्ला खान ने 10 सितंबर, 2016 को अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। 20 जुलाई 2016 को एक महिला के आरोपों पर अमानतुल्लाह खान के खिलाफ जामिया नगर थाने में केस दर्ज किया गया था, और उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी। अमानतुल्ला पर एक महिला को धमकाने का आरोप लगा था। अमानतुल्ला ने एटीएस और एनआईए द्वारा हरदोई के संडीला से मौलाना अब्दुस समी कासिम को पकड़ने पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए 16 फरवरी 2016 को लालकिले में चल रहे एक मुशायरे के दौरान मोदी सरकार को 'हरामखोर' तक कह डाला था।