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इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के चलते इलेक्ट्रिक कारों का फायनैंस बना चुनौती 

इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के चलते इलेक्ट्रिक कारों का फायनैंस बना चुनौती 

इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के चलते इलेक्ट्रिक कारों का फायनैंस बना चुनौती 
 पेट्रोल-डीजल से निजात दिलाने के लिए विकल्प के तौर पर देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को उतारने की तैयारी में एक नया संकट भी सामने आया है। दरअसल, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी, बैटरी इंपोर्ट पर निर्भरता, अधिक प्राइस की मुश्किलें हीं नहीं हैं। इन कारों को फाइनैंस कराना भी एक बड़ी चुनौती है। इसके कारण फाइनैंस प्लान का फायदेमंद न होना और इन वीइकल्स की कम बिक्री है। फाइनैंस कंपनियों का कहना है कि इन कारों की बिक्री बढ़ने पर ही अच्छा फाइनैंस प्लान बनाया जा सकता है। एक इलेक्ट्रिक कार की कीमत 12-20 लाख रुपये के बीच होती है। फाइनैंस कंपनियों का मानना है कि अधिक प्राइस के कारण कस्टमर्स लोन पर डिफॉल्ट कर सकते हैं और उसके बाद जब्त किए गए वीइकल को बेचना मुश्किल होगा। एचडीएफसी बैंक में ऑटो फाइनैंस के हेड अशोक खन्ना की गिनती मोटर फाइनैंसिंग सेगमेंट के बड़े नामों में होती है। उन्होंने बताया, 'जब वीइकल्स को लॉन्च किया जाएगा तो हमारा बैंक फाइनैंस उपलब्ध कराएगा। हमें यह देखना होगा कि 15 लाख रुपये की कार के लिए कितने कस्टमर्स लोन लेने के पात्र हैं।' उन्होंने बताया कि जीएसटी में 5 फीसदी की कटौती और रजिस्ट्रेशन फीस को घटाए जाने के बाद इलेक्ट्रिक वीइकल पर मिलने वाली कुल छूट अब 30-35 फीसदी पर पहुंच गई है। ऐसे में इस बात की संभावना कम है कि सरकार पर्सनल इलेक्ट्रिक वीइकल इंडस्ट्री के लिए किसी और राहत का ऐलान करेगी।
एक अग्रणी ऑटो फाइनैंस कंपनी ने बताया कि वह लोन स्कीमों में बदलाव की तैयारी कर रही है, जिससे इसे संभावित इलेक्ट्रिक वीइकल कस्टमर्स के लिए अधिक आकर्षक बनाया जा सके। कैब कंपनी मेरू के फाउंडर नीरज गुप्ता ने बताया, 'फेम-2 स्कीम के अंतर्गत अभी सिर्फ कमर्शियल इलेक्ट्रिक गाड़ियों को फायदे दिए जा रहे हैं और इसमें पर्सनल वीइकल शामिल नहीं हैं। बड़े इलेक्ट्रिक फ्लीट ऑपरेटर्स के लिए फाइनैंस लेना आसान है। मुश्किल छोटे फ्लीट ऑपरेटर या पर्सनल बायर के लिए है।' मेरू का मेजॉरिटी स्टेक अब महिंद्रा के पास है। गुप्ता ने बताया कि इन कारों के लिए फाइनैंसिंग उपलब्ध कराने में बैंकों की अहम भूमिका होगी। इससे इलेक्ट्रिक वीइकल सेगमेंट को बिक्री बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। टाटा मोटर्स में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी हेड शैलेश चंद्रा ने कहा कि अब आकर्षक फीचर वाले प्रोडक्ट लॉन्च हो रहे हैं जिससे मार्केट में कुछ तेजी आई है लेकिन बैंकों के सामने बड़ी चुनौती नई टेक्नॉलजी और कम रीसेल वैल्यू होगी। टाटा मोटर्स ने हाल ही में नेक्सॉन ईवी लॉन्च की है। इस पर कंपनी 8 साल या 1.5 लाख किलोमीटर तक की वारंटी दे रही है। चंद्रा का मानना है कि इससे फाइनैंस कंपनियों के लिए इन कारों पर फाइनैंस देना आसान होगा। ह्युंदई की कोना पर भी 8 साल या 1.6 लाख किलोमीटर की वारंटी मिल रही है। 

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