
महंगे हो सकते हैं स्मार्टफोन और फर्नीचर
बजट के बाद केंद्र सरकार बढ़ा सकती है आयात शुल्क
भारत अपने पड़ोसी चीन सहित कई अन्य देशों के 56 अरब डॉलर कीमत के इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल्स, केमिकल्स तथा हैंडीक्राफ्ट वस्तुओं के आयात पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने की योजना बना रहा है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि अर्थव्यवस्था को सुस्ती से उबारने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करने के दौरान यह घोषणा कर सकती हैं। मामले से अवगत दो सरकारी सूत्रों ने बताया कि कस्टम ड्यूटी में बढ़ोतरी का असर मोबाइल फोन चार्जर्स, औद्योगिक रसायन, लैंप्स, लकड़ी के फर्नीचर, कैंडल्स, जूलरी तथा हथकरघा उत्पादों पर पड़ सकता है।
स्मार्टफोन मैन्युफैक्चर्स होंगे प्रभावित
केंद्र सरकार के इस कदम से स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरर्स प्रभावित हो सकते हैं, जो अभी भी मोबाइल चार्जर्स तथा अन्य पुर्जों जैसे वाइब्रेटर मोटर्स तथा रिंगर्स का आयात करते हैं। शुल्क बढ़ोतरी का असर आइकिया जैसी कंपनी पर भी पड़ेगा, जो भारत में अपने कारोबार का विस्तार करने में लगी है। आइकिया भारत की कस्टम ड्यूटी को पहले ही एक चुनौती बता चुकी है।
5-10 फीसदी बढ़ सकता है शुल्क
एक अन्य सरकारी अधिकारी ने कहा कि सरकार ने कई वस्तुओं की पहचान की है और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों तथा एक व्यापार समिति की सिफारिशों के आधार पर इनपर 5-10 फीसदी शुल्क बढ़ोतरी का फैसला किया है। अधिकारी ने कहा, हमारा उद्देश्य गैर जरूरी वस्तुओं के आयात को रोकना है। उन्होंने कहा कि आयात शुल्क में बढ़ोतरी से चीन के सस्ते आयात से प्रभावित स्थानीय मैन्युफैक्चरर्स, आसियान तथा अन्य देशों को आपस में प्रतिस्पर्धा का मौका मिलेगा, जिनका भारत के साथ व्यापार समझौता है।साल 2014 में केंद्र सरकार की बागडोर संभालने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मैन्युफैक्चरिंग, डिफेंस तथा अन्य सेक्टर्स में ज्यादा से ज्यादा विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए आयात पर कई तरह की पाबंदियां लगाई हैं।