
बसों में महिलाओं का मुफ्त सफर सही: कोर्ट
दिल्ली उच्च न्यायालय ने यह साफ कर दिया कि डीटीसी बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त सफर खत्म नहीं किया जाएगा। हालांकि, इस मामले में टिप्पणी करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि यदि क्लस्टर बसों में बगैर अधिसूचना के महिलाओं को मुफ्त यात्रा कराई जा रही है तो यह अनुचित है। मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति सी. हरि. शंकर की पीठ ने डीटीसी बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा देने के लिए जारी अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। पीठ ने याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि अधिसूचना यह नहीं कहती कि योजना क्लस्टर बसों पर लागू है। पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि हम आपके बयान पर भरोसा नहीं कर सकते कि अधिसूचना में क्लस्टर बसों की बात नहीं है। यदि सरकार ने इस योजना को क्लस्टर बसों पर लागू किया है तो अधिसूचना खराब नहीं है, उनकी कार्रवाई खराब है। उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता संगठन से कहा कि यदि सरकार ने मुफ्त यात्रा की योजना क्लस्टर बसों में लागू की है तो आप इसे एकल न्यायाधीश के समक्ष चुनौती दीजिए। बाद में पीठ ने याचिका को वापस मानते हुए खारिज कर दिया। अदालत में यह याचिका मिनी बस, ग्रामीण सेवा, फटाफट सेवा और ग्रामीण परिवहन के वाहनों का संचालन करने वाले संगठन की ओर से दाखिल की गई थी।