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रिलायंस इंडस्ट्रीज की प्लास्टिक अपशिष्ट से सड़क बनाने की प्रौद्योगकी सौंपने की पेशकश

रिलायंस इंडस्ट्रीज की प्लास्टिक अपशिष्ट से सड़क बनाने की प्रौद्योगकी सौंपने की पेशकश

रिलायंस इंडस्ट्रीज की प्लास्टिक अपशिष्ट से सड़क बनाने की प्रौद्योगकी सौंपने की पेशकश
भारतीय उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएसएआई) को अपनी ‘प्लास्टिक अपशिष्ट से सड़क’ निर्माण की प्रौद्योगिकी देने की पेशकश की है। इस प्रौद्योगिकी से सड़क निर्माण में प्लास्टिक का इस्तेमाल हो सकेगा। कंपनी ने रायगढ़ जिले स्थित अपने नागोथाने विनिर्माण संयंत्र में इस प्रौद्योगिकी का परीक्षण किया है। इसके अलावा वह कई और पायलट परियोजनाओं पर काम कर रही है। कंपनी ने अपने संयंत्र में 50 टन प्लास्टिक अपशिष्ट को कोलतार के साथ मिलाकर करीब 40 किलोमीटर लंबी सड़क तैयार की है। कंपनी के पेट्रोरसायन कारोबार के मुख्य परिचालन अधिकारी विपुल शाह ने कहा, पैकेटबंद सामानों के खाली पैकेट, पॉलीथीन बैग जैसे प्लास्टिक अपशिष्ट का इस्तेमाल सड़क निर्माण में करने की प्रणाली विकसित करने में हमें करीब 14 से 18 महीने का वक्त लगा। हम इस अनुभव को साझा करने के लिए एनएचएआई के साथ बाचतचीत कर रहे हैं। ताकि सड़क निर्माण में प्लास्टिक अपशिष्ट का उपयोग किया जा सके। एनएचएआई के अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज देशभर में राज्य सरकारों और स्थानीय निकायों को भी यह प्रौद्योगिकी सौंपने के लिए बातचीत कर रही है। कंपनी की यह प्रौद्योगिकी उस प्लास्टिक अपशिष्ट के लिए विकसित की है जिसका पुनर्चक्रण संभव नहीं है। इसके लाभ के बारे में शाह ने कहा,यह ना सिर्फ प्लास्टिक के सतत उपयोग को सुनिश्चित करेगा, बल्कि वित्तीय तौर पर लागत प्रभावी भी होगा। उन्होंने कहा कि हमारा अनुभव बताता है कि इस प्रौद्योगिकी से एक किलोमीटर लंबी सड़क बिछाने में एक टन प्लास्टिक अपशिष्ट का उपयोग होता है। इससे हमें एक लाख रुपये बचाने में मदद मिलती है और इस तरह इस प्रौघोगिकी की मदद से 40 लाख बचाए हैं। सड़क निर्माण में कोलतार के आठ से दस प्रतिशत तक उपयोग के विकल्प के तौर पर हम इस प्लास्टिक अपशिष्ट का उपयोग कर सकते हैं। इतना ही नहीं यह सड़क की गुणवत्ता को भी बढ़ाता है। इस प्रौद्योगिकी से सड़क निर्माण में दो महीने का समय लगा। साथ ही इस प्रणाली से बनी सड़क पिछले साल की मानूसनी बारिश में भी खराब नहीं हुई।

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