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सत्ता हथियाना मेरा हिंदुत्व नहीं, हमारी सोच अलग- मुख्यमंत्री ठाकरे

सत्ता हथियाना मेरा हिंदुत्व नहीं, हमारी सोच अलग- मुख्यमंत्री ठाकरे

सत्ता हथियाना मेरा हिंदुत्व नहीं, हमारी सोच अलग- मुख्यमंत्री ठाकरे
- उद्धव ने किया सीएए का समर्थन
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने हिंदुत्व के मुद्दे पर बीजेपी को आड़े हाथों लिया. उद्धव ने कहा कि हमारे विचार समान नहीं है. धर्म का इस्तेमाल करना और सत्ता हथियाना मेरा हिंदुत्व नहीं है. मैं एक ऐसा हिंदूराष्ट्र नहीं चाहता जो शांतिपूर्ण न हो. मैं ऐसे हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना नहीं करता. शिवसेना के मुखपत्र सामना में छपे लेख में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि मेरा हिंदुत्व बीजेपी के हिंदुत्व से अलग है. बीजेपी का जिक्र करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि वे हर समय कहते हैं कि हिंदू राष्ट्र होना चाहिए, लेकिन लोग एक दूसरे को मार रहे हैं और देश में अशांति का माहौल है. ये उनका हिंदुत्व नहीं है. यह वह नहीं है जो सिखाया गया है. जिन लोगों ने सत्ता हथियाने के लिए हिंदुत्व की गलत व्याख्या की, वे हिंदुत्व के हिमायती नहीं है. उद्धव ने कहा, 'मैंने एनआरसी का विरोध किया मतलब मैं राष्ट्रद्रोही और आपने समर्थन दिया मतलब आप देशभक्त, ऐसा नहीं. अरे बाबा, वो एनआरसी आया कि आपको भी नागरिकता सिद्ध करने के लिए उस लाइन में खड़ा रहना होगा. आपके भी मां-बाप या परिवार होंगे, उन्हें भी ये कष्ट उठाना पड़ेगा. इसके अलावा महत्वपूर्ण मतलब, आदिवासियों का क्या होगा? जंगल और पहाड़ों में रहनेवाले आदिवासी कहां से जन्म का सबूत लाएंगे? बताओ जरा. आदिवासियों को जब ये पता चलेगा तब आदिवासी भी सड़क पर उतरेंगे.' उद्धव ने कहा, एनआरसी लाने की हिम्मत है क्या इनमें? फिर क्यों तुम यह भेदभाव कर रहे हो? उन्हें ऐसा दिखाना है कि हम घुसपैठियों को निकालना चाहते हैं परंतु ये निकालने नहीं दे रहे हैं. अर्थात ये देशद्रोही हैं. हो गया, उनका काम हो गया. चुनाव जीत गए. लेकिन अब यह नहीं होगा. क्योंकि एनआरसी का अर्थ लोग धीरे-धीरे समझने लगे हैं. नागरिकता सिद्ध करना सिर्फ मुसलमानों तक सीमित नहीं है बल्कि हिंदुओं को भी परेशानी होगी. मैं उस कानून को आने नहीं दूंगा. मैं मुख्यमंत्री की हैसियत से अथवा मुख्यमंत्री नहीं होउंगा फिर भी मैं किसी को भी किसी का अधिकार छीनने नहीं दूंगा. धर्म का इस्तेमाल करके, होली जलाकर सत्ता हासिल करना मेरा हिन्दुत्व नहीं है. बिल्कुल भी नहीं. हिन्दू राष्ट्र चाहिए, ऐसा ये रोज करते हैं. परंतु यह ऐसा जलनेवाला अशांत हिन्दू राष्ट्र मेरी कल्पना नहीं है. यह हिन्दू राष्ट्र मैं स्वीकार नहीं करूंगा. मेरे हिन्दू राष्ट्र की व्याख्या अलग है. यह हिन्दुत्व मेरे पिता द्वारा सिखाया गया नहीं है. हिन्दुत्व के संदर्भ में गलतफहमी फैलाकर अथवा दुरुपयोग करके सत्ता हासिल करना मेरा हिन्दुत्व नहीं है. मेरा हिन्दुत्व बरकरार है. हिन्दुत्व बरकरार होने के बाद पार्टी की हैसियत से मेरे विचार बरकरार है. वे मेरी श्रद्धा हैं. सरकार चलाते समय इसका सवाल ही कहां उठता है. ऐसी कोई सरकार दिखाएं जो संविधान से हटके चला रहे होंगे. नरेंद्र मोदी संविधान के अनुसार सरकार नहीं चला रहे हैं? हिन्दुत्व के आधार पर सरकार चला रहे हैं क्या? अंतत: राम मंदिर का निर्णय संविधान के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय में ही हुआ न?
- उद्धव ने किया सीएए का समर्थन
उद्धव ने कहा कि मैं एनआरसी इसलिए नहीं आने दूंगा क्योंकि इसमें हिंदू भी पीसे जाएंगे. हालांकि उद्धव ने सीएए का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि सीएए के खिलाफ प्रस्ताव लाने की आवश्यकता नहीं है. इसका कारण यह है कि यहां से किसी को भी घर से बाहर निकालना सीएए के अंतर्गत नहीं आता है. सीएए का मतलब पड़ोसी देशों से जो पीड़ित अल्पसंख्यक हैं, जो हिन्दू हैं, उन्हें अपने देश में समाहित करने के लिए है. लेकिन केंद्र को जिम्मेदारी स्वीकार करके जो बाहर से आनेवाले हैं, उनके घर की समस्या हल करनी चाहिए. उन्होंने कहा, 

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